भोपाल। कोरोना संक्रमण काल में संगल योजना के हितग्राही बच्चों से माध्यमिक शिक्षा मंडल दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्क वसूल रहा था। इस संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंडल के अधिकारियों को आदेश दिए कि संबल योजना के पात्र विद्यार्थियों से किसी भी प्रकार का शुल्क ना वसूला जाए। इसके बाद मंडल ने मंगलवार को आदेश जारी कर संबल योजना के हितग्राही बच्चों से परीक्षा शुल्क में छूट दिए जाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में यह कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 की परीक्षाओं में संबल योजना के बच्चों को संपूर्ण शुल्क में छूट दी जाएगी। वहीं मप्र के निवासी अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों, जिनके परिवार की समस्त स्रोतों से वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक न हो उनके लिए केवल प्रथम अवसर के लिए संपूर्ण परीक्षा शुल्क में छूट दी जाएगी। साथ ही मप्र के निवासी अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थी, जिनके परिवार की समस्त स्रोतों से वार्षिक आय 1 लाख 8 हजार रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें केवल प्रथम अवसर के लिए संपूर्ण परीक्षा शुल्क में छूट दी जाएगी। इसके अलावा दिव्यांग व कुष्ठ रोगियों के आश्रित विद्यार्थियों भी संपूर्ण शुल्क से छूट दी जाएगी। निर्देश में यह भी लिखा है कि शुल्क छूट संबंधी प्रमाण पत्र संबंधित संस्था प्राचार्य को सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा एवं आवश्यकता पड़ने पर संबंधित विभाग संस्था में जाकर प्रमाण पत्रों की जांच कर सकेगा। शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया पिछले वर्षों के अनुसार होगी। बता दें, कि प्रदेश में तीनों वर्गों में विद्यार्थियों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है। मंडल की दसवीं व बारहवीं परीक्षा में विद्यार्थियों की 900 रुपये फीस लगती है। करीब दस सालों से एससी, एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को फीस में पूरी छूट मिलती रही है।