देश भर के बाजारों में चीनी सामान का पूरी तरह से हो रहा बहिष्कार
रायपुर, कोरोना महामारी काल के दौरान इस बार देश भर में भारत का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली मनाया जा रहा है जिसकी खरीदारी के लिए दिल्ली सहित देश भर के बाजारों में ग्राहकों की चहल पहल शुरू हो गई है और गत दो दिनों से बाजारों में दिवाली की खरीदारी में तेजी आई है जिससे व्यापारी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं की आठ महीने के व्यापारिक वनवास से उन्हें अब मुक्ति मिलेगी। अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त देश के प्रमुख वास्तुविद डॉक्टर खुशदीप बंसल एवं देश के प्रमुख ज्योतिषविद एवं भारतीय संस्कृति के प्रवचनकर्ता एवं महाकाल की भूमि उज्जैन के आचार्य दुर्गेश तारे ने भी कहा की दिवाली के बाद ग्रहों की स्तिथि के अनुसार देश के व्यापार में एक बड़ा सकारात्मक परिवर्तन होगा।
कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, ने बताया कि दिवाली पर अन्य मनाये जाने वाले त्यौहार में धनतेरस 13 नवम्बर, दिवाली 14 नवम्बर, गोवर्धन पूजन 15 नवम्बर, भैया दूज 16, छठ पूजा 20 नवम्बर एवं तुलसी विवाह 26 नवम्बर को मनाना प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन पर्वों को उत्साह एवं उमंग के साथ मनाने के लिए बाजारों में विशेष रूप से खिलौने, ड्राई फ्रूट, गिफ्ट आर्टिकल्ज, रेडीमेड गारमेंट्स, वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्ज, होम फर्निशिंग, बर्तन, किचन उपकरण एवं किचन का सामान, बिजली का सामान, दुकान एवं घर सजाने का सामान, एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता की प्रतिदिन काम में आने वाली वस्तुएँ, मिठाइयाँ, होम फर्निशिंग, टैपस्ट्री, बर्तन, क्रॉकरी। पकवान एवं चोक्लेट के गिफ्ट पेक, फलों की गिफ्ट टोकरियाँ, दिवाली पूजा का सामान, धूपबत्ती, अगरबत्ती एवं गूगल की सुगंध वाली वस्तुओं आदि की माँग उपभोक्ताओं में पिछले दो दिनों में बड़ी है। वहीं धनतेरस के मौके पर सोना चाँदी, बर्तन एवं रसोई के सामान के व्यापारी बड़े व्यापार की उम्मीद कर रहे हैं।
पारवानी ने बताया की इस बार कैट के आह्वान पर देश भर के बाजारों में चीनी सामान का पूरी तरह से बहिष्कार हो रहा है। विशेष बात ये है की जहां व्यापारी चीनी सामान बेच नहीं रहे हैं वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता पूरी तरह से चीनी सामान खरीदने के प्रति बिलकुल भी उत्साहित नहीं है। चीनी सामान सस्ता मिला है और उपभोक्ता इसलिए खरीदते हैं। यह दावा भारत के लोगों को एक सिरे से खारिज कर दिया है। पारवानी ने बताया की दिवाली त्यौहारों की इस शृंखला के जरिए देश भर के बाजारों में लगभग 60 हजार करोड़ रुपए के व्यापार होने का अनुमान है जिसमें प्रतिवर्ष चीन द्वारा किए जाने वाले लगभग 40 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का बड़ा नुकसान चीन को होना तय है। कैट के आवहान पर लोग पूरी तरह से देश के सभी हिस्सों में इस बार हिंदुस्तानी दिवाली मनाने के लिए तैयार हैं।
पारवानी ने बताया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत का सालार रूप इस बार दिवाली पर देश भर में दिखाई देगा। कैट ने देश के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों, हस्तकला कारीगरों एवं अन्य प्रमुख वस्तुओं को बनाने वाले लोगों से सम्पर्क कर उनके द्वारा बनाए गए सामानों को देश भर में व्यापारी संगठनों की शृंखला के द्वारा एक बड़ा लोकल बाजार उपलब्ध कराया है जिसमें विशेष रूप से घर, दुकान, आॅफिस आदि को सजाने का सामान अनेक नए डिजाइनों में देश भर में बेचा जा रहा है।