पहली ही बारिश में हल चलाने लायक हो गई है नेशनल हाइवे-43

बतौली एनएच-43 का निर्माण कार्य बारिश के कारण अभी बंद है। इस सड़क की भी दुर्दशा हो गई है। स्थिति ऐसी है कि मार्ग पर पैदल भी नहीं चला सकता। सड़क कीचड़ से सन गई है और बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। आए दिन भारी वाहन फंस रहे हैं, इससे जाम की भी स्थिति निर्मित हो रही है। सोमवार को भी एक गिट्टी लोड हाइवा माजा-चिरगा मोड़ के पास फंस गया। सड़क की वर्तमान स्थिति देखकर ऐसा लग रहा है कि यह एनएच है या किसान का खेत जिस पर हल जोतकर रोपा आसानी से लगाया जा सकता है। दरअसल सड़क निर्माण में निर्माण एजेंसी की लापरवाही व लेट-लतीफी का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कई बार विरोध प्रदर्शन के बावजूद सड़क के निर्माण कार्य में गति नहीं आ पाई है। बतौली से शांतिपारा तक की खस्ताहाल सड़क की मरम्मत पूर्व में एनएच द्वारा कराई गई थी, लेकिन वह भी उखड़ गई है। बताया जा रहा है कि नई निर्माण एजेंसी के पास भी संसाधनों की कमी है, जिसकी वजह से काम में गति नहीं आ पा रही है। इस संबंध में एसडीएम अतुल शेटे ने कहा कि एनएच के अधिकारियों से गड्ढों को भरने के लिए चर्चा हुई है। प्रतापपुर मार्ग निर्माण की गति धीमी, मुसीबत में जनता  अंबिकापुर-केरता-जगरनाथपुर-प्रतापपुर 40.52 किमी लंबी सड़क का निर्माण कार्य सड़क विकास निगम द्वारा ठेकेदार मेसर्स गेवरा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा है। अंबिकापुर से प्रतापपुर सड़क का निर्माण कार्य अनुबंध के अनुसार 24 जून 2018 को पूर्ण हो जाना था। कंपनी द्वारा समय पर काम तो पूरा नहीं किया गया, बल्कि अफसरों की उदासीनता से जो भी आधा-अधूरा काम किया गया था। वह रविवार की रात हुई बारिश में बह गया। सड़क के बेस में मिट्टी के भराव की वजह से जगह-जगह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। पूरी सड़क ही खस्ताहाल हो गई है। पुलिया के दोनों तरफ भरा पानी ठेका कम्पनी द्वारा जिस तरीके से शहर के अंदर धोबी नाला के समीप पुलिया निर्माण किया जा रहा है। उसे लेकर लोगों ने शुरू में ही सवाल खड़े किए थे, लेकिन सड़क विकास निगम के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि बारिश में बायपास मार्ग बंद हो गया और पुलिया के दोनों तरफ पानी भर जाने से पुलिया के गिरने का भी डर बना हुआ है।