हार की पीड़ा से सिंधिया अभी भी व्यथित, पत्रकारों से कहा मेरी वैल्यू आपसे भी कम

हार की पीड़ा से सिंधिया अभी भी व्यथित, पत्रकारों से कहा मेरी वैल्यू आपसे भी कम

अब मैं साधारण नागरिक, मेरी वैल्यू पत्रकारों से भी कम

khemraj mourya शिवपुरी। रेस्ट हाऊस में जनसंपर्क करने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हार के बाद मेरी शक्ति अब पहले जैसी नहीं रही है। अब मैं मंत्रियों और प्रशासन से निवेदन कर ही मैं अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करवा सकता हूं। मैं सांसद होता तो बैठकर करवाता। फिर भी मैं पीछा पड़ा हूं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुझसे ज्यादा शक्तिशाली तो इस समय आप हो, आप पत्रकार हो, आपके हाथ में कलम है जो तलवार का काम करती है। आप संविधान के चौथे स्तम्भ हो। लेकिन मेरे हाथ में तो न कलम है न तलवार। आपसे भी छोटी स्थिति में गुहार लगा रहा हूं कि मेरी योजनाओं को आप क्रियान्वित करो। व्यक्तिगत जो स्तर होता है उसे स्वयं समझना चाहिए। अब मैं सामान्य नागरिक हूं और सामान्य नागरिक के रूप में जो गुहार में लगा सकता हंू, वह मैं लगाता हूं। पत्रकारों से चर्चा में लगभग पूरे समय सिंधिया के चेहरे पर लोकसभा चुनाव में अपनी हार की पीड़ा झलकती रही और वह इससे काफी व्यथित नजर आए। उन्होंने कहा कि मुझपर इस क्षेत्र की जिम्मेदारी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में यहां की जनता ने निर्णय लिया कि मुझे जिम्मेदारी से मुक्त करना है। जनता के उस निर्णय को मानना मेरा धर्म है। मैंने हमेशा जनसेवक का धर्म निभाया है। परंतु आज मैं सामान्य नागरिक हूं। भले ही प्रदेश में हमारी सरकार है। लेकिन अब मेरी सीमाएं हैं और मैं उस प्रखरता और तेवर के साथ कार्य करने में असमर्थ महसूस करता हूं। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि प्रदेश में कांगे्रस की सरकार है और नगर पालिका में भी कांग्रेस काबिज है। लेकिन इसके बाद भी प्रभारी मंत्री प्रधुम्र सिंह तोमर को स्वयं नालियां साफ करना पड़ती हैं। इस पर श्री सिंधिया ने कहा कि अब मैं भी सामान्य नागरिक हूं, हो सकता है कि अगली बार मैं आऊं तो मुझे भी नाली साफ करनी पड़ेगी। इसके पूर्व सिंधिया ने प्रदेश सरकार के तीन-तीन मंत्रियों प्रभूराम चौधरी, इमरती देवी और प्रधुम्र सिंह तोमर के साथ बैठकर जनसमस्याएं सुनी। इस अवसर पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। शिवपुरी में आगमन के पूर्व सिंधिया ने पिछोर और खनियांधाना में भी सर्किट हाऊस में बैठकर जनसमस्याएं सुनी।