TFW स्कीम: 17 हजार विद्यार्थियों के पंजीयन के बाद भी 41% सीटें रिक्त

TFW स्कीम: 17 हजार विद्यार्थियों के पंजीयन के बाद भी 41% सीटें रिक्त

भोपाल
कम्प्यूटर साइंस और मेकेनिकल ब्रांच में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों ने ट्यूशन फीस वेबर (टीएफडब्ल्यू) स्कीम के तहत निशुल्क में डिग्री करना तक पसंद नहीं किया है। इसके चलते टीएफडब्ल्यू की करीब 41 फीसदी सीटें रिक्त गई हैं। टीएफडब्ल्यू में प्रवेश लेने करीब 17 हजार विद्यार्थियों ने पंजीयन किया था, लेकिन प्रवेश सिर्फ एक हजार 52 विद्यार्थियों ने लिया है।

सीएस और मेकेनिकल ब्रांच का जादू विद्यार्थियों के सिर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने उक्त दोनों ब्रांच में प्रवेश लेने लिए राज्य के बड़े ब्रांडेड कालेजों की अन्य ब्रांच के दाखिले तक छोड़ दिए हैं। इसके चलते वर्तमान सत्र 2019-20 में 41 फीसदी सीटें रिक्त रह जाएंगी। प्रदेश के 161 कालेज में टीएफडब्ल्यू की करीब एक हजार 771 सीटें थीं, जिसमें 59 फीसदी 1052 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इसमें भी सबसे ज्यादा प्रवेश सीएस और मेकेनिकल ब्रांच में लिया है। विद्यार्थियों ने उक्त ब्रांच में प्रवेश लेने के लिए ब्रांडेड कालेज की मोह तक त्याग दिया है। वे टीएफडल्ब्यू से प्रवेश लेकर लाखों रुपए की फीस देने से बच जाते और अपनी डिग्री पूरी कर सकते थे। अपनी पंसदीदा ब्रांच में प्रवेश लेने के फेर में टीएफडब्ल्यू स्कीम को छोड़कर लाखों रुपए देकर डिग्री पूरी करेंगे।

तकनीकी शिक्षा विभाग ने दूसरी बार सत्यापन कराने की तिथि में सात दिन का इजाफा किया है। प्रदेश के 56 हजार 800 सीटों के मुकाबले 31 हजार 824 विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ है। सीएलसी से प्रवेश लेने वाले करीब 12 हजार 900 विद्यार्थी सत्यापन से वंचित हैं। चौकाने वाली बात यह है कि पूरी सीएलसी में पचास फीसदी से ज्यादा छह हजार 720 दाखिले सिर्फ भोपाल के कालेजों में हुए हैं। उनके सत्यापन के लिए डीटीई ने हेल्प सेंटर के तौर पर आरजीपीवी, बीयूआईटी, एसवी पालीटेक्निक और महिला पालीटेक्निक को तैयार किया गया है। सत्यापन के अभाव में उनके प्रवेश निरस्त कर दिए जाएंगे।