अमरनाथ यात्रा में बाधा, उज्जैन के 33 यात्री बगैर दर्शन लौटे

उज्जैन
मौसम की बेरुखी से अमरनाथ यात्रा में व्यवधान जारी है। भारी बारिश, फिसलन व भूस्खलन के चलते हालात काफी खराब हैं। उज्जैन से अलग-अलग जत्थों में निकले 40 यात्रियों में से 33 बगैर दर्शन के लौट आए हैं। 27 वीं बार यात्रा पर गए रमेश श्रीवैया ने बताया घाटी में 1996 के बाद सबसे खराब मौसम है। बैस कैंप में यात्रियों का ठहरना मुश्किल हो गया है। होटलों के रेट काफी महंगे हो गए हैं। जब तक मौसम साफ नहीं हो जाता श्रद्धालुओं को यात्रा पर रवाना नहीं होना चाहिए। इस बार 28 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हुई। 27 जून को उज्जैन के करीब 40 यात्री पवित्र गुफा की ओर रवाना हुए थे। तब से भारी बारिश का दौर जारी है।

मार्ग पर फिसलन हो गई है। इसके चलते यात्री पहलगाम व बालटाल मार्ग पर फंस गए थे। जब आगे जाने का मार्ग नहीं खुला तो यात्री लौट आए और वैष्णव देवी तथा पंजाब की यात्रा पर निकल गए। अब यात्री उज्जैन लौटने लगे हैं।

7 यात्रियों ने किए दर्शन जय बाबा अमरनाथ भक्त मंडल के पं.दीपक पांडे ने बताया उज्जैन के करीब 7 यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं। सुदर्शन व शानू आरोण्या के साथ गए उनके साथी पहलगाम में फसे हुए थे। 1 जुलाई को सुबह मौसम कुछ देर के लिए साफ हुआ था। इन यात्रियों ने घोड़े पर सवार होकर पवित्र गुफा तक का सफर तय किया और बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं।

1996 में आया था बर्फीला तूफान

कुछ यात्री बुध्ावार को उज्जैन पहुंच गए हैं। रमेश श्रीवैया के साथ यात्रा पर गए श्रद्धालु ट्रेन में हैं। वे गुरुवार को उज्जैन पहुंचेंगे। दूरभाष पर 'नईदुनिया' से चर्चा करते हुए रमेश श्रीवैया ने बताया 1996 में शेषनाग व महागणेश टॉप पर बर्फिला तूफान आया था। तब वे बाबा बर्फानी के दर्शन नहीं कर पाए थे, उसके बाद यह दूसरा मौका है जब यात्री बिना दर्शन किए लौटे हैं। अभी भी पहाडों पर स्थिति खराब है। फिसल और भूस्खलन के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। आने वाले दिनों में कुछ और यात्री अमरनाथ जाने वाले हैं। उन्हें मौसम साफ होने का इंतजार करना चाहिए।