आदिवासियों के ट्रेक्टर पर बैठ बोले शिवराज - आदिवासियों को धरना स्थल पर आने से रोका तो वल्लभ भवन में घुस जाउंगा

आदिवासियों के ट्रेक्टर पर बैठ बोले शिवराज - आदिवासियों को धरना स्थल पर आने से रोका तो वल्लभ भवन में घुस जाउंगा

भोपाल
आदिवासी भाइयों-बहनों को उनकी मांग रखने और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने से जिस तरह कमलनाथ सरकार व स्थानीय प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया है, वह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है, संवैधानिक अधिकारों का हनन है। मैं यह होने नहीं दूंगा। मैं उन्हें साथ लेकर धरना स्थल तक जा रहा हूं।

आदिवासी भाइयों को साथ लेकर भोपाल में धरना स्थल पर लेकर जाते हुए श्री @ChouhanShivraj https://t.co/dz6NnnKoVH

— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) June 18, 2019

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के टीन शेड में धरना देने के लिए आने वाले सीहोर जिले के आदिवासियों के ट्रेक्टर रोके जाने पर स्थानीय प्रशासन को जमकर खरी खोटी सुनाई। नाराज शिवराज ने यहां तक कहा कि अगर पुलिस प्रशासन ने आदिवासियों को धरनास्थल पर आने से रोका तो वे वल्लभ भवन में घुस जाएंगे। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर थी कि सीहोर से आने वाले ट्रेक्टर ट्रालियों को भदभदा पुल के पास रोका जा रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर मोबाइल फोन पर पहले उन्होंने अफसरों को फटकारा और बाद में आदिवासियों को धरना स्थल पर लाने के लिए खुद ही भदभदा की ओर रवाना हो गए।

आदिवासी भाइयों-बहनों को उनकी मांग रखने और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने से जिस तरह कमलनाथ सरकार व स्थानीय प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया है, वह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है, संवैधानिक अधिकारों का हनन है। मैं यह होने नहीं दूंगा। मैं उन्हें साथ लेकर धरना स्थल तक जा रहा हूं। pic.twitter.com/i7YYapmgkV

— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 18, 2019

 वहां पहुंचकर शहर में प्रवेश करने वाले पुलिस अफसरों को डांटने के बाद वे खुद एक ट्रेक्टर पर सवार हो गए और पीछे-पीछे सीहोर से आ रहे सभी टेÑक्टर चालकों को आने के लिए कहा। पूर्व सीएम शिवराज ने अपनी वाहन के काफिले को पीछे आने को कहा। गौरतलब है कि प्रशासन ने ट्रेक्टर के प्रवेश पर बंदिश लगाते हुए धरनास्थल पर पैदल जाने की अनुमति आज दी थी जिससे धरना स्थल पर आदिवासी नहीं पहुंच पाए। जब शिवराज धरनास्थल पहुंचे तो वहां भीड़ नहीं थी। इस बीच किसी ने मोबाइल फोन पर सूचना दी कि प्रशासन ने सैकड़ों ट्रेक्टर रोक रखे हैं और इस कारण आदिवासी अपनी बात रखने धरनास्थल पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।