आपके बदन पर उभरकर आ जाते है काले निशान, ये किसी खतरनाक बीमारी का संकेत तो नहीं
अक्सर लोगों के पांव में अचानक से काले निशान उभरकर आ जाते है जो देखने में बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते है। ये निशान देखने में बहुत ही डरावने और भद्दे लगते है। अक्सर लोग इस समस्या को त्वचा संबंधी मामूली समझकर नज़रअंदाज कर देते हैं, पर ऐसा करना उचित नहीं है। यह वेन्स संबंधी गंभीर समस्या भी हो सकती है। ये समस्या चलने के बाद खिंचाव या बहुत ज्य़ादा थकान महसूस होती है तो ऐसे निशान को अनदेखा न करें, क्योंकि यह वेन्स से जुड़ी गंभीर समस्या हो सकती है।
जिसे मेडिकल भाषा में क्रोनिक वेनस इन्सफीसियंसी यानी सी.वी.आइ. कहते हैं। आइए जानते क्या होती है ये समस्या और क्यों होती है?
क्रोनिक वेनस इन्सफीसियंसी के लक्षण
ज्यादा देर खड़े रहने में परेशानी
पैरों में असहनीय दर्द
पैरों में सूजन
मांसपेशियों में खिंचाव
थकान महसूस होना
त्वचा के अन्य हिस्सों में काले निशान पड़ना
पैरों के निचले हिस्से में काले निशान पड़ना
क्या होती है क्रोनिक वेनस इन्सफीसियंसी?
शरीर के अन्य अंगों की तरह पैरों को भी आक्सीजन की जरूरत पड़ती है, जो हार्ट की आर्टरीज में प्रवाहित शुद्ध रक्त के जरिए पहुंचाई जाती है। पैरों को ऑक्सीजन देने के बाद यह आक्सीजन अशुद्ध खून वेन्स के जरिए वापस पैरों से ऊपर फेफड़े की तरफ शुद्धीकरण के लिए जाती है। किसी कारण से अगर इनकी कार्यप्रणाली धीमी हो जाती है तो पैरों का ड्रेनेज सिस्टम खराब हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि ऑक्सीजन रहित अशुद्ध खून ऊपर चढक़र फेफड़े की ओर जाने की बजाए पैरों के निचले हिस्से में जमा होना शुरू हो जाता है, जिससे आपको यह बीमारी हो जाती है।
स्त्रियों में होती है ये समस्या ज्यादा
यह बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन 30 वर्ष से अधिक उम्र वाली महिलाओं में येसमस्या ज्यादा देखने को मिलती है। ज्यादातर स्त्रियों में गर्भावस्था के दौरान या डिलिवरी के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। लगातार खड़े होकर काम करके, हाई हील्स पहनकर चलने और घंटों डेस्क पर बैठकर काम करने और शारीरिक गतिविधियां का कम होने के कारण भी महिलाएं इसकी चपेट में जल्दी आ जाती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
अपने पैरों और कमर के ओर ज्यादा कसे हुए कपड़े न पहनें। इसके अलावा ज्यादा हाई हील्स न पहनें। इससे अशुद्ध खून के सर्कुलेशन में बाधा उत्पन्न होती है।
वेनस इन्सफीसियंसी से ग्रस्त महिलाओं को स्किपिंग, एरोबिक्स या उछल-कूद वाली एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। इस तरह के व्यायाम, उनकी वेन्स को फायदा पहुंचाने के बजाए नुकसान पहुंचाते हैं।
ज्यादा झटका देने वाले और पैर मोड़ने वाले व्यायाम न करें। नियमित मॉर्निंग वॉक करें।
रात को सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा लें। इससे पैर छाती से दस या बारह इंच ऊपर रहें और पैरों में ऑक्सीजन रहित खून के जमा होने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।
ज्यादा से ज्यादा टहलें
ऑफिस या घर में ज्यादा समय तक पैर लटकाकर बैठना भी आपके लिए खतरनाक है। ऐसे में या तो आप पैरों के नीचे कोई स्टूल रख लें या लगभग हर 2 घंटे में ब्रेक लें और सीट से उठकर टहलें।
भोजन में तेल और घी का कम इस्तेमाल करें और मसालेदार भोजन भी न करें। इस बीमारी से ग्रस्त महिलाओं को कम कैलोरी वाला रेशेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा अपने वजन को कंट्रोल में रखें।
रात में सोते समय पैरों के नीचे दो तकिये लगाएं, जिससे पैर छाती से दस या बारह इंच ऊपर रहें। ऐसा करने से पैरों में ऑक्सीजन रहित खून के जमा होने की प्रक्रिया शिथिल पड़ जाती है, जो सीवीआइ से ग्रस्त पैरों के लिए अत्यंत लाभकारी है।