आवक नहीं होने से दोगुने हुए सब्जियों और फलों के दाम

आवक नहीं होने से दोगुने हुए सब्जियों और फलों के दाम

भोपाल
कोरोना काल में एक बार फिर आम लोगों मुसीबत बढ़ गई है। राजधानी में एक बार फिर से सब्जियों के रेट दोगुने से अधिक हो गए हैं तो दूसरी तरफ राशन की दुकानों पर सख्ती के कारण अब वह भी चोरी छिपे महंगे दामों पर बिक रहा है। हकीकत तो यह है कि  महंगी हरी सब्जियों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। एक तरफ जहां कोरोना काल में लोगों की आमदनी घटी है, रोजगार में कमी हुई है। वहीं दूसरी ओर सब्जियों की बढ़ी कीमत ने आम जनता को परेशान करके रख दिया है। अब रसोई में भी इसका असर दिखने लगा है। किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। शहर के कई क्षेत्रों में नारियल पानी 70 रुपए में मिल रहा है।

इस समय करोंद मंडी के बंद होने के कारण सब्जियों का शहर में आने वाला फ्लो कम हो गया है। कोरोना से बचने के लिए चाय में अदरक का इस्तेमाल भी लोग ज्यादा कर रहे हैं, जिसके रेट भी बढ़ चुके हैं। सब्जी बाजार में अदरक 80 से 100 रुपये किलो में बिक रहा है। पालक और लाल भाजी भी महंगी ही है। दाम बढ़ने को लेकर सब्जी व्यापारियों का कहना है कि लॉक डाउन के कारण भोपाल की सीमाएं लॉक कर दी गई हैं। इससे आसपास के क्षेत्रों से आने वाली सब्जियां शहर में प्रवेश नहीं कर पा रही है। इसलिए  जिसको जहां से मिलती है वह लेकर आता है और मनमाने दामों पर बेचता है।

सब्जी बाजार में इन दिनों आलू-प्याज 40 तो टमाटर 80 से 100 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है। एक किलो हरा धनिया के लिए 250 से 300 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं बात बाकी सब्जियों की करें तो कद्दू और लौकी को छोड़ को छोड़कर भिंडी, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी, गिलकी, पालक समेत ऐसी कोई सब्जी नहीं जो 60 रुपए किलो से कम हो।