बायें हाथ का गेंदबाज होना अच्छा लेकिन उतावला होने की जरूरत नहीं: जहीर खान

नयी दिल्ली
टीम में बायें हाथ के तेज गेंदबाज की मौजूदगी को लेकर भारतीय टीम प्रबंधन की उत्सुकता जग जाहिर है लेकिन देश के बायें हाथ के सबसे सफल तेज गेंदबाज जहीर खान का मानना है कि अगर गेंदबाज चुनौती के लिए तैयार नहीं है तो फिर उतावलापन दिखाने की जरूरत नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने बायें हाथ के कई तेज गेंदबाजों को आजमाया है जिसमें बंिरदर सरन और जयदेव उनादकट के अलावा हाल में आजमाए गए खलील अहमद भी शामिल हैं जिन्हें न्यूजीलैंड में लचर प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर कर दिया गया। जहीर ने कहा कि अगर आपके साथ यह वैरिएशन (बायें हाथ का तेज गेंदबाज) है तो निश्चित तौर पर यह फायदे की स्थिति है लेकिन आपको बायें हाथ के तेज गेंदबाज को आजमाने को लेकर उतावलापन नहीं दिखाना चाहिए। यह टीम के लिए योगदान देने से जुड़ा है। बायें हाथ के तेज गेंदबाज नैसर्गिक प्रतिभा होते हैं और इस पर आपका नियंत्रण नहीं होता कि आपको कब ऐसा गेंदबाज मिलेगा।
न्यूजीलैंड में खलील बिलकुल भी लय में नहीं दिखे जबकि वहां के हालात ंिस्वग गेंदबाजी के अनुकूल थे। भारत की ओर से 95 टेस्ट खेलने वाले जहीर का मानना है कि इस युवा तेज गेंदबाज को सुधार करना होगा। जहीर ने कहा कि ‘हां, वह (खलील) शार्ट लेंथ के साथ गेंदबाजी कर रहा है। जहां स्विंग गेंदबाजी के मददगार हालात हों वहां आपको गेंद ऊपर पिच करानी होती है और गेंदबाज को इस स्तर पर इन चीजों को सीखना होता है। विश्व कप 2011 के सबसे सफल गेंदबाज रहे जहीर को हालांकि उम्मीद है कि खलील टीम के अपने साथी जसप्रीत बुमराह से कुछ चीजें सीखने में सफल रहेंगे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद काफी प्रगति की है। जहीर को खुशी है कि भारत के पास अब तेज गेंदबाजों का अच्छा समूह है जो मुश्किल हालात में एक दूसरे का बोझ साझा कर सकते हैं। जहीर ने उस समय को याद किया जब टेस्ट मैचों में उनका साथ निभाने के लिए कोई अच्छा तेज गेंदबाज नहीं था, उन्होंने कहा कि जब बोझ साझा होता है तो हमेशा अच्छा होता है, क्या ऐसा नहीं है। आपको निश्चित तौर पर नतीजे मिलते हैं।
भारत की तेज गेंदबाजों की चौकड़ी ने पिछले साल सबसे अधिक विकेट चटकाकर मैलकम मार्शल, जोएल गार्नर, एंडी रोबर्ट्स और माइकल होल्डिंग की वेस्टइंडीज की दिग्गज चौकड़ी का रिकार्ड तोड़ा। भारत के पूर्व गेंदबाज जहीर ने कहा कि अगर आप मैचों पर गौर करो तो आप देखोगे कि अलग अलग गेंदबाजों ने श्रृंखला में अलग अलग स्थिति में प्रभाव डाला और यह काफी महत्वपूर्ण चीज है। मेलबर्न में बुमराह का स्पैल और शमी ने कुछ शानदार स्पैल किए। एडिलेड में अश्विन जब उसने तीन विकेट लिए।