मरवाड़ी श्मशानघाट में उड़ी कोरोना नियमों की धज्जियां

रायपुर
लाकडाउन खुलने के बाद लोगों के दिलो-दिमाग से कोरोना महामारी का भय खत्म होते नजर आ रहा है। इसका प्रत्यक्ष नजारा रविवार को मारवाड़ी श्मशान घाट में दिखाई दिया, जहां 10 बजे से लेकर साढ़े 10 बजे तक एक के बाद एक सात शवयात्रा पहुंचीं और इसमें एक हजार से अधिक लोग आए। यहां कोरोना नियम की धज्जिया उड़ते साफ दिखाई दिया क्योंकि दाह संस्कार में केवल 50 लोगों को ही जाने की अनुमति अभी दी गई है।
रविवार को मरवाड़ी श्मशानाघाट में पहले से ही दो - तीन चिता की अस्थियां पड़ी हुई थीं, इसलिए लाइन से आंधे घंटे के अंदर पहुंची 7 शव यात्रा को लोगों को शव का दाह संस्कार अगल-बगल में करने को मजबूर होना पड़ा। परिजनों, रिश्तेदारों की भीड़ के चलते लोगों को सट - सट कर खड़े रहना पड़ा। कोरोना के नियमों के तहत शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी है, लेकिन वहां आए लोगों में किसी तरह का भय नहीं था। कई लोग बिना मास्क पहने ही श्मशान पहुंच गए थे। जब लोगों ने टोका तब कहीं रुमाल से उन लोगों ने मुंह ढंका। श्मशान घाट में बैठने के लिए बनाए गए शेड में जगह कम पड़ गई। शेड खचाखच भरा था। जगह न होने के बावजूद लोगों ने शारीरिक दूरी की परवाह नहीं की और घुसकर बैठे नजर आए।
श्मशान घाट में ही कोरोना के मरीजों का भी दाह संस्कार किया जा रहा है। उस तरफ की हालत तो और भी बदतर है। जहां चिता जल रही है, उसके पास ही चिता से उतारे गए कपड़े और कोरोना कर्मियों के इस्तेमाल के बाद फेंके गए किट भी बिखरे पड़े हैं। यह लापरवाही श्मशान में शवयात्रा के साथ आने वाले परिजनों के लिए बेहद घातक साबित हो सकती है। क्योंकि 7 शवयात्रा के लगभग 1 हजार से अधिक इसमें शामिल हुए थे।