राहुल भोपाल में करेंगे चुनावी शंखनाद, PM मोदी होशंगाबाद से फूंकेंगे सियासी बिगुल

राहुल भोपाल में करेंगे चुनावी शंखनाद, PM मोदी होशंगाबाद से फूंकेंगे सियासी बिगुल

भोपाल
 प्रदेश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने वाला है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 8 फरवरी को भोपाल में किसान आभार सम्मेलन में शामिल होकर चुनावी समर की शुरुआत करेंगे। इसमें दो लाख किसानों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। आभार सम्मेलन के बाद कांग्रेस पूरी तरह चुनावी मूड में आ जाएगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 फरवरी को होशंगाबाद में सभा कर सियासी बिगुल फूंकेंगे। इसके बाद 16 फरवरी को वे धार में जनसभा को संबोधित करेंगे। मोदी के दौरे के साथ ही भाजपा के चुनाव अभियान का आगाज हो जाएगा। जल्द ही प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दौरे भी शुरू होने जा रहे हैं।

कांग्रेस का यह है एक्शन प्लान

कां ग्रेस ने लोकसभा चुनाव का एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। इसी के तहत पार्टी ने अपने दरवाजे भाजपा के उन नेताओं के लिए खोल दिए हैं, जो उसे चुनाव में फायदा पहुंचा सकते हैं। पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की है। कुसमरिया ने कहा कि जहां सम्मान मिलेगा, वहां जाऊंगा। कमलनाथ ने अच्छा रिस्पांस दिया है।

कुसमरिया लोकसभा चुनाव में खजुराहो या दमोह से टिकट चाहते हैं। उन्हें लेने से कांग्रेस को इन सीटों पर कुर्मी वोटों का फायदा हो सकता है। वहीं, जबलपुर उत्तर से विधानसभा चुनाव लडऩे वाले भाजपा के बागी नेता धीरज पटेरिया भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। धीरज कहते हैं कि उनसे कांग्रेस नेताओं ने संपर्क किया है। कांग्रेस यदि जबलपुर से लोकसभा का टिकट देती है तो वे चुनाव लड़ेंगे।

भाजपा संगठन में करेगी बदलाव

भाजपा लोकसभा चुनाव को देखते हुए संगठन में बदलाव करने जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह टीम में परिवर्तन कर सकते हैं। प्रदेश में आधा दर्जन जिलों के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इनमें भोपाल, छतरपुर, बड़वानी, अशोकनगर, रायसेन और बैतूल शामिल हैं। बैतूल के कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में राकेश सिंह से मुलाकात भी की है।

राकेश सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष और महामंत्रियों में भी फेरबदल कर सकते हैं। संगठन के निशाने पर वे नेता भी हैं, जो प्रदेश मंत्री हैं और विधानसभा चुनाव में जिन्होंने टिकट को लेकर पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की थी। प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि यह प्रदेश अध्यक्ष का विशेषाधिकार है और आने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए वे परिवर्तन कर सकते हैं।