ट्रेक द मिसिंग साफ्टवेयर का कमाल, बेंगलूरु में मिला उज्जैन का लाल

ट्रेक द मिसिंग साफ्टवेयर का कमाल, बेंगलूरु में मिला उज्जैन का लाल
brijesh parmar उज्जैन। ट्रेक द मिसिंग साफ्टवेयर पर उज्जैन पुलिस की मेहनत रंग लाई और उज्जैन के चिमनगंज थाना के अहमदनगर से 19 जून 2018 को घर के बाहर से खेलता हुआ गायब हुआ सलमान बेंगलूरू में मिला।नाती को वापस पाकर कदीर मियां की खुशी का ठिकाना नहीं है।सलमान उनकी बेटी की एक मात्र निशानी उनके पास बचा है। चिमनगंज थाना प्रभारी अरविंद सिंह तोमर के अनुसार अहमदनगर के निवासी स्क्रेप का धंधा करने वाले अब्दुल कदीर के दामाद का निधन करीब 6 वर्ष पूर्व हो गया था। उसके बाद उनकी बेटी की भी संदिग्ध मौत हो गई थी।बेटी-दामाद की एक मात्र निशानी सलमान 14 वर्ष उनके पास बचा था।सलमान भी मानसिक रूप से करीब 60 फीसदी कमजोर है।19 जून 2018को सलमान घर के बाहर खेलते –खेलते गायब हो गया था।25 जून को चिमनगंज पुलिस ने उसकी गुमशुदगी पर एफआई आर कायम की थी।जब से ही उसे तलाशने का काम चल रहा था।हाल ही में चिमनगंज थाना पुलिस को समय कामयाबी मिली जब ट्रेक द मिसिंग साफ्टवेयर के माध्यम से तेलंगाना के बंगलूरू के आश्रम के बच्चे से उसकी फोटो का मिलान हो गया।इसके बाद तेलंगाना पुलिस ओर उज्जैन पुलिस के बीच निरंतर इसे लेकर चर्चा हुई और अंतत: हाल ही में चिमनगंज थाना पुलिस का दो सदस्यीय दल जिसमें एएसआई पवन अचल एवं आरक्षक मनीष यादव उसे लेकर उज्जैन पहुंचे ।सलमान को वर्तमान में लालपुर बाल संरक्षण गृह में रखा गया है।नाती को पून:देखकर कदीर काफी खुश हैं। हमारे अधिकारियों कर्मचारियों ने काफी मेहनत की ,तेलंगाना और बंगलूरु पुलिस से सतत संपर्क किया ।समन्वय के साथ काम करने पर सफलता मिली ।सलमान को सकुशल ले आए।तकनीक के साथ कर्मचारियों की अथक मेहनत का ही यह परिणाम रहा है।बराबर मिटिंगों में निर्देश दिए जाते हैं गुमशुदा व्यक्तियों को लेकर । सचिन अतुलकर ,एसपी, उज्जैन