इन ईटिंग हैबिट्स की वजह से बाहर आ रहा है आपका टमी

इन ईटिंग हैबिट्स की वजह से बाहर आ रहा है आपका टमी

खाना खाने के बाद पेट का बाहर आ जाना आम बात है, हालांकि कुछ घंटों बाद यह नॉर्मल भी हो जाता है। समस्या तब होती है जब पेट बाहर आने के बाद अंदर नहीं जाता और यह ब्लॉटिंग किसी को भी पसंद नहीं आती। ब्लॉटिंग की इस समस्या के पीछे जहां कुछ हैल्थ इशूज हो सकते हैं, वहीं कुछ हद तक हमारी ईटिंग हैबिट्स भी जिम्मेदार होती हैं। आमतौर पर ब्लॉटिंग को पाचन की समस्या में गिना जाता है और 15 से 30 प्रतिशत मामलों में लोग इसमें असहज भी महसूस करते हैं। यह संकेत है कि आपका डाइजेस्टिव सिस्टम सही से काम नहीं कर रहा है। यहां जानें ऐसी कौन सी ईटिंग हैबिट्स हैं, जिनकी वजह से भी ब्लॉटिंग की समस्या हो सकती है

अच्छे से न चबाना
कुछ भी खाने का पहला नियम है कि उसे अच्छी तरह चबा कर खाएं। आमतौर पर कहा जाता है कि खाने को कम से कम 30 बार चबाना चाहिए और फिर निगलना चाहिए। हालांकि खाते समय गिनना जरूरी नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप खाना अच्छे से चबाएं और फिर ही निगलें। चबाने से खाना आसानी से पच जाता है और हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को इसके लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती।

जल्दी जल्दी खाना
हम में से बहुत लोगों की आदत होती है कि वे खाना खत्म करने की जल्दी में रहते हैं। आपकेे पाचन के लिए यह बिल्कुल भी अच्छी आदत नहीं है। जब भी आप जल्दी जल्दी खाना खाते हैं तो इसके साथ आपके शरीर में ज्यादा हवा भी जाती है और खाना खाने के कुछ देर बाद गैस और बदहज्मी की समस्या हो सकती है। खाने को सहज हो कर खाएं और अच्छे से चबाने के बाद ही निगलें।

खाने में ध्यान न देना
ऐसा बहुत बार होता है जब लोग टीवी देखते देखते या फिर सोशल मीडिया स्क्रॉल डाउन करते करते खाना खाते हैं। आपको जान कर हैरानी होगी की यह आदत भी आपके पाचन पर बुरा असर डालती है। डायजेशन की सेफेलिक स्टेज दिमाग से शुरू होती है और खाने के पेट तक पहुंचने से भी पहले यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जब हमारा ध्याना खाने में नहीं होता तो सेलेफिक फेज शुरू नहीं हो पाता, जिसकी वजह से ब्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप जब भी खाना खाने बैठें तो टीवी या कंप्यूटर या अन्य गैजेट्स को दूर रख दें।

पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
कब्ज की समस्या को भी ब्लॉटिंग से ही जोड़ा जाता है। हमें हर समय हाइड्रेटिड रहना जरूरी है, इससे हमारे स्टूल सॉफ्ट होते हैं और हमें अगले दिन सुबह फ्रेश होने में समस्या नहीं होती। एक दिन में कम से कम दो लीटर पानी पीना जरूरी है। इसके साथ ही वर्कआउट भी जरूरी है।

खाने के साथ ज्यादा लिक्विड लेना
बेशक खाने के साथ जरूरत से ज्यादा लिक्विड लेना भी ब्लॉटिंग की समस्या बढ़ाता है। दिन भर हाइड्रेटिड रहना जरूरी है, लेकिन ज्यादातर लोग गलती यह करते हैं कि या तो खाने से पहले या फिर खाने के दौरान काफी ज्यादा मात्रा में लिक्विड ले लेते हैं। इससे ब्लॉटिंग होती है। जरूरत से ज्यादा लिक्विड स्टमक एसिड को डायल्यूट कर देता है। आपको बता दें कि स्टमक एसिड खाने को पचाने और पैथोजेनिक माइक्रोब्स को मारने के काम आता है। स्टमक एसिड कम होने से खाना ज्यादा लंबे समय तक पेट में रहता है और इससे पेट बाहर आता है।

सही खाना न खाना
हर चीज हर व्यक्ति को सूट नहीं करती, यह बात खाने पर भी फिट बैठती है। आमतौर पर ऐसी बहुत सी चीजें है जो नुकसान नहीं देतीं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यही चीजें ब्लॉटिंग की वजह भी बन जाती हैं। गेहूं और डेयरी प्रोडक्ट्स इसमें शामिल हैं। अगर आप सुबह नाश्ते में बटर टोस्ट ले रहे हैं, लंच में सैंडविच और डिनर में चीजी पास्ता ले रहे हैं तो आप अपनी पाचन क्रिया को ज्यादा कष्ट दे रहे हैं। अगर आपको किसी फूड आइटम से ब्लॉटिंग होती है तो हो सकता है कि उसमें फर्मेंटेबल कार्बोहाइड्रेट्स FODMAPs हों, इससे भी ब्लॉटिंग की समस्या होती है।

स्ट्रेस भी है एक वजह
हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि स्ट्रेस का लेना देना सिर्फ दिमाग से है, लेकिन ऐसा नहीं है। स्ट्रेस हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करता है। स्ट्रेस का सीधा असर हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी पड़ता है, क्योंकि यह हमारे ब्रेन से वेगस नर्व के जरिए जुड़ा हुआ है। जब हम स्ट्रेस्ड होते हैं तो हमारे शरीर में कम मात्रा में स्टमक एसिड और डाइजेस्टिव एंजाइम्स प्रोड्यूस होते हैं। इससे ब्लॉटिंग होती है। स्ट्रेस कम करने के लिए आप वर्कआउट कर सकते हैं या फिर अच्छी नींद ले सकते हैं।

देर रात खाना खाना
जीवन में व्यस्तता बढ़ने के साथ ही हमारे खान पान और इसके समय पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। हमारे शास्त्र भी कहते हैं कि हमें सूरज ढ़लने से पहले पहले रात का खाना खा लेना चाहिए। इसके पीछे वजह यह है कि जब तक हमारा सोने का समय होता है तब तक खाना पच जाता है। देर से खाना खाने से आपके डाइजेस्टिव सिस्टम पर प्रेशर बढ़ता है। हमारी बॉडी रात के समय रिपेयर मोड पर होती है और इसी समय शरीर की क्लीनिंग भी होती है, लेकिन देर से खाना खाने के कारण हमारे शरीर को खाना पचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और बॉडी रिपेयर नहीं हो पाती।

गट बैक्टीरिया का ध्यान रखना जरूरी
डाइजेशन में फाइबर की सबसे अहम भूमिका है। यह न केवल हमारे स्टूल को सॉफ्ट करने का काम करता है, बल्कि हमारे शरीर से टॉक्सिंस हटाता है और हमारे गट में मौजूद बैक्टीरिया को भोजन उपलब्ध करवाता है। लो फाइबर वाला भोजन करने से आप इन फ्रेंडली बैक्टीरिया की जरूरत को पूरा नहीं कर पाते और यह पैथोजेनिक पर प्रेशर बढ़ाता है, जससे गैस की समस्या होती है। आपको फ्रूट और वेजिटेबल्स का इनटेक बढ़ाना चाहिए। आप चाहें तो फाइबर सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।