मैदान-ए-जंग से गायब रहे राहुल गांधी,महागठबंधन की हार का कारण

मैदान-ए-जंग से गायब रहे राहुल गांधी,महागठबंधन की हार का कारण

नई दिल्ली
बिहार में महागठबंधन सत्‍ता से महज कुछ सीट दूर रह गया। कांग्रेस 70 सीट पर चुनाव लड़ी थी और राजद के मुताबिक, उसके सहयोगी दल ने चुनावों में उतनी मेहनत नहीं की जितनी की जानी चाहिए। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने सीधे-सीधे कांग्रेस नेतृत्‍व को आड़े हाथों लिया। बकौल तिवारी, "चुनाव अपने चरम पर था और राहुल गांधी शिमला में बहन प्रियंका के साथ पिकनिक मना रहे थे। क्या इस तरह से पार्टी चलती है?" उन्‍होंने कहा कांग्रेस ने चुनाव में 70 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन 70 सार्वजनिक रैलियां भी नहीं कीं। राजद का यह आरोप खोखला नहीं है। राहुल गांधी के चुनावों के बीच या ठीक बाद, छुट्टियों पर चले जाना पहले भी सहयोगियों, यहां तक कि कांग्रेसियों को भी पसंद नहीं आता रहा है।

झारखंड चुनाव के दौरान साउथ कोरिया चले गए थे राहुल
पिछले साल दिसंबर में झारखंड विधानसभा चुनाव थे। आखिरी चरण के लिए प्रचार चल ही रहा था क‍ि राहुल गांधी साउथ कोरिया चले गए। उसी वक्‍त देश में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) के खिलाफ भी प्रदर्शन जोर पकड़ रहे थे। झारखंड के चुनावी समर से राहुल ने हाथ खींचे तो पार्टी ने आनन-फानन में प्रियंका गांधी को पाकुर में रैली करने भेजा। जबकि प्रियंका ने हरियाणा और महाराष्‍ट्र में हुए चुनावों में प्रचार नहीं किया था।

हरियाणा और महाराष्‍ट्र चुनाव से ठीक पहले की फॉरेन ट्रिप
महाराष्‍ट्र और हरियाणा में जब पिछले साल विधानसभा चुनाव करीब थे, राहुल गांधी ने कम्‍बोडिया का प्‍लान बना लिया। 21 अक्‍टूबर से चुनाव होने थे लेकिन राहुल 11 अक्‍टूबर तक छुट्टी पर थे। उनकी गैर-मौजूदगी पर कांग्रेस के भीतर भी नाराजगी महसूस की गई थी। तब कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव प्रणव झा ने कहा था कि राहुल गांधी की निजी स्‍वतंत्रता का सम्‍मान होना चाहिए।

महाराष्‍ट्र में हाथ से निकलते-निकलते बची सत्‍ता
महाराष्‍ट्र में जब चुनाव खत्‍म हुए तो राजनीतिक सांठ-गांठ का सिलसिला शुरू हुआ। बीजेपी और शिवसेना अलग हो चुके थे और नए समीकरण बन रहे थे। कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी को लेकर सरकार बनाना चाहती थी लेकिन राहुल देश में नहीं थे। उस वक्‍त, राहुल के यहां न होने से पार्टी वक्‍त रहते फैसले नहीं कर सकी। दूसरी तरफ, बीजेपी ने एनसीपी में सेंध लगाकर शपथ ग्रहण करा दिया। हालांकि बाद में तीनों पार्टियां एक साथ आईं और उद्धव ठाकरे के नेतृत्‍व में सरकार बनी लेकिन महाराष्‍ट्र कांग्रेस के कई नेताओं का मानना था कि राहुल की गैर-मौजूदगी के चलते पार्टी शुरुआत में हिचकती रही।

संकट में थी कांग्रेस सरकार, छुट्टी पर थे राहुल
2018 में कर्नाटक के भीतर कांग्रेस संकट से जूझ रही थी। जेडीएस के साथ उसका गठबंधन टूटने के कगार पर था। इसी बीच, राहुल गांधी का ट्वीट आया कि वे विदेश जा रहे हैं। उसी दौरान, वेटरन कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का निधन हुआ। उनके संस्कार में भी राहुल शामिल नहीं हुए थे।

गुजरात, हिमाचल हारने के बाद देखी फिल्‍म तो हुआ था बवाल
2017 में पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हार गई थी। इसके बाद राहुल गांधी के दिल्‍ली में एक हॉलिवुड मूवी देखने जाने की बातें सामने आईं। बीजेपी ने भी राहुल के इस कदम का खूब मजाक उड़ाया था। विवाद इतना बढ़ा कि कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला को ट्वीट कर सफाई देनी पड़ी कि 'राहुल किसी अन्‍य भारतीय की तरह हैं, वे भी फिल्‍में देखते हैं।'