विश्व के सामने पाक फिर बेनकाब, आतंकियों की फंडिंग रोकने का दावा झूठा

विश्व के सामने पाक फिर बेनकाब, आतंकियों की फंडिंग रोकने का दावा झूठा

इस्लामाबाद            
आतंकवादियों को फंडिंग रोकने का पाकिस्तान का दावा एक बार फिर से दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है. आतंकी संगठनों को फंडिंग रोकने की पाकिस्तान की चाल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के गले नहीं उतर रही है. एफएटीएफ के क्षेत्रीय सहयोगी एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) के एक डेलिगेशन ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने पर नाखुशी और गंभीर चिंता जाहिर की है.

डेलिगेशन का मानना है कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों की फंडिंग और गतिविधियों को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर मजबूत कर्रवाई नहीं की. यह डेलिगेशन प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचा हुआ है. डेलिगेशन आज पाकिस्तान से रवाना हो जाएगा. माना जा रहा है कि यह डेलिगेशन पाकिस्तान से रवाना होने से पहले एक औपचारिक चेतावनी भी जारी कर सकता है.

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा कि डेलिगेशन ने अपने दौरे के पहले दो दिन संघीय सरकार द्वारा कानून बनाने, आंकड़े जुटाने और नोटिफिकेशन जारी करने के कदम को अच्छा माना है. हालांकि आतंकियों को फंडिंग रोकने के लिए प्रांतीय और जिला स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. ये प्रतिबंधित आतंकी संगठन हकीकत में प्रांतीय और जिला स्तर पर अपनी आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं.

डेलिगेशन मूल्यांकन रिपोर्ट के लिए पाकिस्तान के दौरे पर है. गुरुवार को डेलिगेशन अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे सकता है. डेलिगेशन से पाकिस्तान के प्रतिभूति और विनिमय आयोग, वित्तीय निगरानी यूनिट, कानून प्रवर्तन, खुफिया एजेंसियों, विदेश और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा नेशनल काउंटर टेरोरिज्म अथॉरिटी, फेडरल इनवेस्टिगेशन एजेंसी, प्रांतीय काउंटर टेरोरिज्म डिपार्टमेंट्स के अधिकारियों ने मुलाकात और बातचीत की. आपको बता दें कि आतंकियों को फंडिंग देने और पनाह देने की वजह से एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था.

इस लिस्ट में पाकिस्तान को डालने का मतलब है कि पाक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग रोकने के लिए कारगर कदम उठाने में विफल रहा है. ऐसे में अगर डेलिगेशन इस बार भी अपनी समीक्षा रिपोर्ट में असंतोष जाहिर करता है, तो पाकिस्तान का ग्रे लिस्ट से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा. यह पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका होगा. एफएटीएफ आतंकवादियों को फंडिंग देने के मामलों की निगरानी करता है.