शिवराज के खिलाफ सबसे बड़ी बगावत, बाबूलाल बोले- मेरा टिकट कटा तो लड़ूंगा निर्दलीय
भोपाल
मध्य प्रदेश में टिकट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में घमासान मचा है. भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर बीजेपी ने अभी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है. यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की परंपरागत सीट है. पहली सूची में गोविंदपुरा का नाम नहीं होने से विरोध शुरू हो गया है. उन्होंने पार्टी छोड़ने की धमकी दी है. यह शिवराज के खिलाफ सबसे बड़ी बगावत मानी जा रही है.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने मेरा सीएम पद छीना, फिर मंत्री पद और अब टिकट भी नहीं दे रहे हैं. यह तो मेरा अपमान है. यदि बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो बहू कृष्णा गौर गोविंदपुर से निर्दलीय लड़ेंगी और मैं हुजूर से निर्दलीय लड़ने का विचार कर रहा हूं.
वहीं, कहा यह भी जा रहा है कि टिकट के घमासान के बीच कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बाबूलाल गौर से फोन पर बात की और उन्हें कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. हालांकि, इसकी अब तक पुष्टि नहीं हुई है.
मालूम हो कि बाबूलाल गौर भोपाल की गोविंदपुरा सीट से 10 बार से विधायक हैं. 89 साल के बाबूलाल गौर ने पहला चुनाव 1974 में भोपाल दक्षिण सीट से लड़ा था. उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1977 में गोविंदपुरा सीट को चुना और जीत दर्ज की. तब से वे इस सीट पर लगातार 10 बार से जीतते आ रहे हैं. 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक गौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे.
उन्हें 2016 में मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. दरअसल, भाजपा ने 70 की उम्र पार के नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी न देने का तय किया था. इसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. तभी से गौर अघोषित रूप से पार्टी के खिलाफ हो गए. वे कई बार शिवराज सरकार की नीतियों की आलोचना कर चुके हैं.