आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका और मितानिनों ने जताया भूपेश बघेल का आभार
छत्तीसगढ़ सरकार भरोसे की सरकार
रायपुर, स्वास्थ्य और शिक्षा में अमूल्य योगदान देने वाली आंगनबाड़ी बहनें और मितानिनों की खुशी आज देखते ही बन रही थी। साइंस कॉलेज मैदान में आभार उत्सव में इन बहनों ने नृत्य के जरिए जमकर अपनी खुशी व्यक्त की। खुशी से थिरकते इन बहनों ने कहा मान बढ़ाया आपने आपका आभार, छत्तीसगढ़ सरकार भरोसे की सरकार।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका और मितानिनों ने जताया आभार
राज्य के हर कोने से आयी हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिनों में गजब का उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा मानदेय बढ़ाने की खुशी सब में दिख रही थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुश्री साधना देवांगन ने आभार जताते हुए कहा कि पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका जब सेवानिवृत्त होते थे तो सिर्फ एक प्रमाण पत्र मिलता था। परंतु अब सेवानिवृत्त होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 50 हजार रुपए तथा सहायिका को 25 हजार रुपए की राशि मिलेगी। बाइस सालों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का काम कर रही दुर्ग की श्रीमती प्रभा कुठारे कहती है कि घर की स्थिति ठीक नहीं थी मानदेय से ही वो घर चलाती हैं पर दिनों दिन मंहगाई बढ़ने से उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, ऐसे में जब मानदेय बढ़ा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
भाठागांव रायपुर की मितानिन श्रीमती लक्ष्मी साहू ने कहा कि मानदेय बढ़ाने की घोषणा सुनकर, मुझे यकीन नहीं हुआ था कि यह हो सकता है। मेरे लिए बहुत खुशी का क्षण था। बस्तर से आई मितानिन श्रीमती प्रेम ज्योति बघेल ने हल्बी में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कड़ी मेहनत करती हूं। उनके गांव में साढ़े 3 सौ लोग हैं। यहां गर्भवती माताओं को देखती हूँ। साथ ही सामान्य बीमारियों में जरूरत पड़ने वाली दवाई देती हूँ। अब 2200 मानदेय दिया है तो 7 हजार रुपये तक महीना कमा लुंगी। अपने बच्चों को पढ़ाऊंगी।
गौरतलब है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मासिक मानदेय की राशि 6500 रुपये बढ़ाकर 10 हजार रुपये, आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3250 से बढ़ाकर 5 हजार रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4500 से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की है। प्रदेश भर में संचालित 46 हजार 660 आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत बहनें लाभांवित होंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए मितानिन बहनों के योगदान देखते हुए को राज्य मद से 2,200 रूपए प्रतिमाह देने की घोषण की गई है।