गांव प्रवास में मंत्रियों की रुचि नहीं, बन रही परफार्मेंस रिपोर्ट, शिवराज करेंगे समीक्षा

गांव प्रवास में मंत्रियों की रुचि नहीं, बन रही परफार्मेंस रिपोर्ट, शिवराज करेंगे समीक्षा

भोपाल। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के बाद तैयार की गई रणनीति के तहत सत्ता और संगठन ने मंत्रियों को गांवों में जाकर मोदी और शिवराज सरकार की योजनाओं की हकीकत जानने का प्लान तैयार किया है। लेकिन हैरानी की बात है कि अधिकांश मंत्रियों ने अभी तक गांवों की ओर रूख नहीं किया है। ऐसे में मंत्रियों के प्रवास की कुंडली मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर मंत्रियों की परफॉर्मेंस की समीक्षा करेंगे।

सभी मंत्री 31 अक्टूबर तक गांव और शहरों में घर-घर दस्तक

सत्ता और संगठन की रणनीति के अनुसार प्रदेश सरकार के सभी मंत्री 31 अक्टूबर तक गांव और शहरों में घर-घर दस्तक देंगे। इस दौरान वे हितग्राहियों से संवाद कर यह जानेंगे कि मोदी-शिवराज सरकार की योजनाओं से उनके जीवन में क्या बदलाव आया है। उन्हें योजना की जानकारी कैसे मिली और लाभ प्राप्त करने के लिए कोई परेशानी का सामना तो नहीं करना पड़ा। वे योजना में किसी तरह के सुधार और चाहते हैं। इसी तरह की अन्य जानकारियां मंत्री जिलों का भ्रमण कर प्राप्त करेंगे और फिर प्रतिवेदन तैयार होगा। इसके आधार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान योजनाओं की विभागवार समीक्षा भी करेंगे।

मंत्रियों के लिए यह है कार्यक्रम
प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस से एक-एक पात्र व्यक्ति को केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान प्रारंभ किया गया है। इसके लिए दो-दो मंत्रियों के समूह बनाकर जिले आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री भी हितग्राहियों से संवाद करेंगे। उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी है। उधर, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में बने जिलों में भ्रमण के दौरान किए जाने वाले कार्यों संबंधी मंत्री समूह ने तय किया है कि दूसरे चरण में जब पंचायत और नगरीय निकायों के वार्डों में शिविर होगा और लाभ वितरण किया जाएगा तो मंत्री वहां रहकर हितग्राहियों से चर्चा करेंगे।

इसके साथ ही वे हितग्राहियों के घर जाएंगे और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से उनके जीवन में आए बदलाव पर चर्चा करेंगे। साथ ही यह भी पूछेंगे कि वे योजना में किस तरह का परिवर्तन चाहते हैं। योजनाओं की क्रियान्वयन की स्थिति पता करके रिपोर्ट देंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय रिपोर्ट के आधार पर प्रतिवेदन तैयार करेगा। मुख्यमंत्री द्वारा की जाने वाली आगामी विभागीय समीक्षा में प्रतिवेदन के बिंदुओं पर चर्चा होगी।

सीएम, गृहमंत्री के अलावा कुछ मंत्री ही सक्रिय
रणनीति के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनअभियान सेवा के तहत गांवों व कस्बों में पहुंचने लगे हैं। वहीं गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ समेत एक-दो को छोड़कर अब तक किसी भी मंत्री ने गांवों का रुख नहीं किया है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों से हर हाल में अपने चिन्हित प्रभार वाले क्षेत्रों में जाने की हिदायत दी है। इसके लिए अब मुख्यमंत्री चौहान ने स्वयं कमान संभाली है। अब वे हर महीने प्रभारी मंत्रियों के प्रवास की जानकारी लेंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा भी मंत्रियों के प्रभार का फीडबैक लिया जाएगा। अब तक मंत्रियों के दौरे शुरू नहीं हो सके और न ही उनके कोई कार्यक्रम ही सामने आएं है। जबकि मुख्यमंत्री स्वयं मुख्यमंत्री जन अभियान सेवा के तहत लग रहे शिविरों में शामिल हो रहे हैं। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कह दिया कि उन्हें 31 अक्टूबर तक प्रभार वाले जिलों के ग्राम पंचायतों के वाडों में शिविरों में पहुंचना ही होगा।

मंत्रियों की गरीब बस्तियों में उपस्थिति अनिवार्य
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो-दो मंत्रियों को समूह गठित कर उन्हें दो से तीन जिलों की जिम्मेदारी सौंपी थी, जहां पर मंत्रियों को प्रवास करना है। उन्हें गांव गांव तक पहुंचना है, जहां उन्हें प्रत्येक पंचायतों के वार्डों में शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं का निराकरण करना है। मंत्रियों को विशेष तौर पर गरीब बस्तियों में अपनी उपस्थिति अनिवार्य करनी होगी। वहां सरकार की  योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है या नहीं, इसकी पूरी जानकारी एकत्र करनी होगी। साथ ही योजनाएं से पात्र क्यों वंचित हो रहे है, इसकी भी जानकारी लेंगे। तत्काल प्रभाव से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी करनी होगी। मंत्रियों से साफ कह दिया गया है कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने लगभग डेढ़ माह के लिए अपने मंत्रियों के समूह बनाकर उनके प्रभार वाले जिलों में परिवर्तन किया है। इनमें गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सुरेश धाकड़ को श्योपुर, सीधी, बैतूल, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, ओमप्रकाश सखलेचा को आगर मालवा, खंडवा, सिंवारौली, झाबुआ. जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट व भारत सिंह कुशवाह भिंड, शिवपुरी, शाजापुर, रायसेन, वन मंत्री विजय शाह व प्रद्युम्न सिंह तोमर को मंडला, अनूपपुर, उमरिया, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा व इंदर सिंह परमार को ग्वालियर, बुरहानपुर, हरदा, खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह व रामखेलावन पटेल को धार, रतलाम, मंदसौर, खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उषा ठाकुर को विदिशा, कटनी, नीमच, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह एवं मीना सिंह को अशोक नगर, मुरैना, सतना, शहडोल, मंत्री प्रेम सिंह पटेल एवं ओपीएस भदौरिया को निवाड़ी, पन्ना, नरसिंहपुर, कृषि मंत्री कमल पटेल व गोविंद सिंह राजपूत को देवास, दमोह, उज्जैन, मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव व राजवर्धन सिंह को दत्तीगांव-जबलपुर, छिंदवाड़ा, राजगढ़, बालाघाट, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, बृजेंद्र प्रताप सिंह को सिवनी, छतरपुर, खरगोन, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया व रामकिशोर कावरे- डिंडोरी, गुना, अलीराजपुर, रीवा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी व मोहन यादव को टीकमगढ़, होशंगाबाद, इंदौर, बड़वानी एवं मंत्री महेंद्रसिंह सिसोदिया और हरदीप सिंह डंग भोपाल, सीहोर, दतिया, सागर का प्रवास दिया गया है।

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