अन्त्योदय का सपना साकार कर रहे नरेन्द्र मोदी
डॉ. आनंद शुक्ल
प्रगति और समृद्धि की पहली आवश्यक शर्त है आत्मनिर्भरता। इसके बिना हर प्रयास केवल कल्पना मात्र है। आत्मनिर्भरता का संकल्प हमारे देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है, जो समर्थ नेतृत्व का परिचायक हैं। होने को तो आज़ादी के बाद बहुत कुछ हुआ, किन्तु समृद्धि और आत्मनिर्भरता के संकल्प के बिना भारत अपनी अपेक्षा अनुरूप प्रगति के संकल्पों को पूरा नहीं कर पाया, क्योंकि दैनिक चुनौतियों से जूझते रहना हमारे नेतृत्व की नियति बन गई थी। अब स्थिति बदली है। चुनौतियों के साथ संकल्प भी हैं। यही कारण है कि विकास और भविष्य दोनों स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहे हैं। कुछ बिंदुओं के माध्यम से इस विषय को और समझा जा सकता है। वर्ष 2014 के पहले भारत को देखने का नजरिया भी विश्व बिरादरी का कुछ और ही था, लेकिन समर्थ नेतृत्व के धनी भारत मां के प्रधान सेवक नरेंद्र भाई मोदी के हाथों में जब से देश की कमान आयी है, भारत के प्रति लोगों का नजरिया बदल गया है। वैश्विक ताकतों के लिए भारत अब मजबूरी नहीं-जरूरी हो गया है, का मंत्र चारो ओर गूंजने लगा है। वैश्विक स्तर पर होने वाले निर्णयों में अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सहभागिता रहती है। वे अटूट विश्वास और प्रगति के पर्याय हैं। वर्ष 2014 में देश की कमान संभालते ही श्री मोदी जी ने ''मेक इन इंडिया'' और ''स्वच्छ भारत'' का आह्वान किया था।
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वर्ष 2014 के बाद लगातार शिक्षा, स्वास्थ, भोजन, सामाजिक न्याय, परिवहन तथा गरीब कल्याण से जुड़े मुद्दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्राथमिकता में शामिल हैं। यही कारण है कि देश में अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है जिसकी सर्वत्र सराहना हो रही है। कोरोना जैसी वैश्विक आपदा के बावजूद भी प्रधानमंत्री जी अपने मजबूत इरादों पर अडिग रहे। उन्होंने लगातार देश के गरीबों की चिंता की और राशन की दुकानों से उन्हें अन्न उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक काम किया। जब दुनिया के देश कोरोना से कराह रहे थे तब देश में मोदी के निर्णयों से आम आदमी को राहत और कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए वैक्सीन बनाने का काम चल रहा था। देश के लिए यह गौरव की बात है कि नरेंद्र मोदी मोदी के नेतृत्व में खोजी गई कोरोना की वैक्सीन ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के दर्जनों देशों को जीवन देने का काम किया है। सही अर्थों में भारत की वैक्सीन, आधुनिक संजीवनी है। इतने बड़े देश में सबको मुफ्त टीकाकरण करवाकर प्रधानमंत्री ने एक नया इतिहास लिखा है। यही कारण है कि दुनिया के अन्य देश अब हमारे प्रधानमंत्री की ओर विश्वास और उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं। सचमुच में देखा जाये तो मोदी जी के नेतृत्व में 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का निर्माण हो रहा है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि राष्ट्र ऋषि पंडित दीनदयाल जी के अन्त्योदय का सपना अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में साकार हो रहा है।
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आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में देश भर में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। अनेकों कार्यक्रम हुए और अगले 25 वर्षों का संकल्प भी लिया गया। नये भारत के निर्माण के लिए संकल्प शक्ति को जगाने एवं जल संरक्षण की दिशा में अमृत सरोवरों के निर्माण तथा आजादी के नायकों को स्मरण किया गया है। अमृत सरोवरों को तैयार करने की दिशा में मध्य प्रदेश बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। अमृत सरोवरों के निर्माण की दिशा में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में काफी आगे है। यह भी संभव है कि म.प्र. देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल के रूप में सामने आयेगा। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार हो गया और उसके संकल्पों के अनुसार निश्चित समय सीमा में लक्ष्य हासिल करने के लिए मध्यप्रदेश का जन-जन तैयार है।
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यह प्रसन्नता की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 72वें जन्मदिवस के अवसर पर आज 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण्य में आ रहे हैं। वे यहां 8 चीतों को अभ्यारण्य में छोडेंगे। मध्यप्रदेश के लिए यह एक प्रकार से बडी उपलब्धि है। वन्य प्राणियों में प्रमुख रूप से चीता जो विलुप्त घोषित हो गया था, अब वह हम सबके बीच देखने को मिलेगा। प्रदेश का कूनो अभ्यारण्य इसके लिए सर्वे में सर्वथा अनुकूल पाया गया। देश में लम्बे समय से चीते नहीं दिखाई दे रहे थे, किंतु मोदी जी की संकल्प शक्ति के कारण 8 चीते मध्यप्रदेश कूनो को मिल रहे हैं। मध्यप्रदेश वासियों के लिए यह अत्यंत प्रसन्नता की बात और गौरव अनुभव करने का दिन है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि देश के मध्य में स्थित मध्यप्रदेश के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष अनुराग रहता है। वे मध्यप्रदेश को हर दृष्टि से खुशहाल देखना चाहते हैं।
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गौर करने वाली बात है कि देश की आजादी के बाद से ही यह महसूस किया जा रहा था कि देश की बड़ी आबादी के पास रहने के लिए उसका अपना घर नहीं था। है भी, तो पक्का नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री जी ने हर जरूरतमंद को उनके सपनों के घर की सौगात देने का कार्य किया है। इतना ही नहीं एक समय था जब देश की बहन-बेटियां चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर थीं, लेकिन प्रधानमंत्री ने उज्जवला योजना के माध्यम से उन बहनों को गैस सिलेण्डर देकर धुंए से मुक्ति दिलाई है। गांव की महिलाओं को पेयजल के लिए अब दूर नहीं जाना पड़ता बल्कि ''हर घर-नल से जल'' के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने लगा है। इसी प्रकार ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' योजना समाज में व्याप्त पुरानी सोच को बदलने में कारगर साबित हुई है। यह सही है कि इन योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की दिशा में देश काफी आगे बढ़ा है और मध्य प्रदेश का इसमें बहुत बडा योगदान है।
प्रधानमंत्री ने खेती को लाभ का व्यवसाय और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि कानूनों में सुधार करने का ऐतिहासिक काम किया है। नरेंद्र मोदी ने देश के अन्नदाता को ''प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि'' देने का काम किया है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। एक नहीं, अनेक ऐसे निर्णय हैं जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
कुशल नेतृत्व के धनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में कमान होने से आज देश सुरक्षित, मजबूत और विकास की नित नई सीढ़ियां चढ़ रहा है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि- भारत आंख झुकाकर या आंख उठाकर नहीं बल्कि आंख मिलाकर बात करने में विश्वास करता है। पड़ोसी राष्ट्र हो या चीन जैसा देश सबको जवाब देने की शक्ति प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में है। यही भारत के समर्थ नेतृत्व की पहचान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि- भारत को समृद्ध बनाने के लिए दूसरों पर निर्भरता समाप्त करनी होगी। प्रधानमंत्री ने विक्रांत स्वदेशी युद्धपोत देश की नौसेना को समर्पित किया है। समर्थ नेतृत्व, सक्षम नेतृत्व के हाथों देश और प्रदेश शीघ्र ही आत्मनिर्भर बनेगा। मां भारती के ऐसे सर्वश्रेष्ठ प्रधान सेवक, आमजन के चहेते नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिवस के अवसर पर उनके यशस्वी और सुदीर्घ जीवन की मंगलमयी कामना। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)