अब छत्तीसगढ़ में लगेगी ड्रोन उत्पादन इकाई और बनेगा इथेनॉल
नई दिल्ली । नई दिल्ली के प्रगति मैदान में छत्तीसगढ़ बिज़नेस समिट का आयोजन किया गया, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से आए उद्यमी, निर्यातक और व्यवसायियों ने भाग लिया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ शासन ने इथेनॉल व ड्रोन उत्पादन इकाई स्थापना के लिए दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। बिज़नेस समिट में छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री शिव डहरिया ने छत्तीसगढ़ में औद्योगिक संभावनाओं की जानकारी देने के साथ ही उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया।
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नई औद्योगिक नीति 2019-2024 में उद्योगों की स्थापना से जुड़े नियमों को सरल बनाया
उद्योग विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के नई औद्योगिक नीति 2019-2024 में उद्योगों की स्थापना से जुड़े नियमों को सरल बनाया है, जिसमें उद्योगों को विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है, कठिन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। कई प्रकार की रियायतें व सुविधाएं प्रदान की जा रही है। स्टार्ट-अप के लिए विशेष पैकेज प्रदान किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कोर सैक्टर के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, लघु वनोपज और हस्तशिल्प और हथकरघा आदि क्षेत्रों में भी फोकस किया जा रहा है।
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कंपनी 140 करोड़ का निवेश करेगी
समिट के अंत में दो एमओयू हुये। इथेनॉल उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए एनकेजे बायोफ्यूल, दुर्ग के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह कंपनी 140 करोड़ का निवेश करेगी। कंपनी की ओर से राजेश गौतम ने हस्ताक्षर किए। वहीं, दूसरा एमओयू ड्रोन व यूएवी मैनुफेक्चरिंग यूनिट के लिए डेबेस्ट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया। कंपनी की ओर से मनीष वाजपेई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया।
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यह कंपनी 50.95 करोड़ का निवेश करेगी व 4500 यूनिट स्थापित करेगी। बिजनेस समिट में उद्योग विभाग, लघु वनोपज, हस्तशिल्प और हथकरघा, पर्यटन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में संभावनाओं को लेकर जानकारी दी गयी। इस मौके पर लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्याम सुंदर बजाज, रुरल इंडस्ट्री के संचालक अरुण प्रसाद, सीएसआईडीसी के कार्यकारी संचालक अनिल श्रीवास्तव उपस्थित रहे।