उपलब्ध संसाधनों को अपनी क्षमता और योग्यता से हीरे की तरह तराशेंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

उपलब्ध संसाधनों को अपनी क्षमता और योग्यता से हीरे की तरह तराशेंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रदेश के विकास का यज्ञ है

31 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त, 28 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

2680 करोड़ रूपये की 21 इकाईयों का किया लोकार्पण एवं भूमि-पूजन

बड़े उद्योगों के लिए राज्य सरकार उद्योग पॉलिसी में भी करेगी बदलाव

सरकार प्रत्येक व्यक्ति के रोजगार के लिये है प्रतिबद्ध और संकल्पित

उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए अपार संभावनाएं विद्यमान

एयरपोर्ट के बाद अब रीवा क्षेत्र से एक्सपोर्ट के लिए कटनी और सिंगरौली में बनेंगे कंटेनर डिपो

मऊगंज और मैहर में एमएसएमई का नया इंडस्ट्रियल एरिया करेंगे विकसित

संजय-दुबरी राष्ट्रीय उद्यान में उपलब्ध होंगी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की टूरिज्म सुविधाएं

विंध्य क्षेत्र की पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के लिए करेंगे विशेष प्रावधान

प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए औद्योगिक गतिविधियों कर रहे है प्रोत्साहित

मुख्यमंत्री ने रीवा में "वाइब्रेंट विंध्य" रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को किया संबोधित

भोपाल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि की श्रृंखलाबद्ध आयोजित की जा रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रदेश के विकास का यज्ञ है। इसमें शामिल हो रहे उद्योगपतियों और निवेशकों के सहयोग से उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर प्रदेश को हीरे की तरह तराशेंगे। मध्यप्रदेश में सभी क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत नये उद्योगों की स्थापना के साथ प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता भी है और घोषित संकल्प भी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार की काम करने की गति ऐसी है कि एक बैठक में उद्योगपति से मुलाकात होती है और अगली बैठक में इकाई का भूमि-पूजन हो जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को रीवा में "वाइब्रेंट विध्य" रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास के लिये हम सभी अपने "ईगो" को छोड़कर टीम भावना के साथ कार्य करने के लिये तत्पर है। कान्क्लेव में सभी ने घंटों एक साथ बैठकर एक दूसरे की बात को तन्मयता से सुनकर प्रतिबद्धता को प्रमाणित भी किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों और उद्योगपतियों को विश्वास दिलाया कि प्रदेश की समृद्धि के लिये सरकार न सिर्फ सहयोग करेगी बल्कि जरूरत पड़ने पर उद्योग पॉलिसी में बदलाव भी करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा संभाग में उद्योगों को प्रोत्साहित करने और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए कटनी और सिंगरौली में इनलेंड कंटेनर डिपो का निर्माण किया जाएगा। यहां मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क भी विकसित होंगे। मऊगंज और मैहर में एमएसएमई का नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र बैढ़न में जलापूर्ति के लिए 84 लाख रूपए की लागत से नई योजना क्रियान्वित की जाएगी। संजय-दुबरी राष्ट्रीय उद्यान व टाइगर रिजर्व में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की उच्चतम सुविधायुक्त टूरिज्म सुविधाएं विकसित की जाएगी। हेल्थ टूरिज्म को विकसित करने के लिए नवाचार भी किए जाएंगे। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और उपचार तथा शिक्षा में यह क्षेत्र आत्म-निर्भर भी बन सकेगा। विंध्य क्षेत्र में बेहतर होटल, रिसोर्ट्स सहित अन्य पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के लिए पृथक से प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए ये घोषणाएँ की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

जारी रहेंगे रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेशवासियों का जीवन स्तर सुधरे, राज्य के जीएसटी व कर संग्रहण में वृद्धि हो, इस उद्देश्य से प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में उद्योग समूहों का स्वागत है, यदि कोई बड़ा उद्योग स्थापित किया जाता है तो राज्य सरकार अपनी नीतियों में आवश्यक बदलाव करने के लिए भी तत्पर रहेगी। देश की अर्थ-व्यवस्था को निरंतर अग्रगामी बनाए रखने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार प्रदेश में औद्योगिक निवेश और गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव जैसे आयोजन निरंतर किए जाएंगे।

क्षेत्रीय स्तर पर जारी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से उद्योगों के विस्तार का यज्ञ जारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिये अपार संभावनाएँ विद्यमान है। खाद्य प्र-संस्करण सहित सभी क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। प्रदेश में औद्योगिक विकास को शीर्ष पर ले जाने के लिए प्रत्येक प्रदेशवासी को अहंकार शून्यता की भावना के साथ कठोर परिश्रम और लगन से कार्य करना होगा। प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर पर जारी इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का यज्ञ जारी है। प्रत्येक विभाग, उद्योग समूह, उद्यमियों, जन-प्रतिनिधियों की आहूति से ही यह यज्ञ सफल होगा और प्रदेश अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमें नवीनतम तकनीक और सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पूर्ण पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और कर्मठता के साथ एक-दूसरे को आगे बढ़ाने के लिए टीम भावना के साथ निरंतर प्रयत्नशील रहना होगा।

रोजगार आधारित उद्योगों को राज्य सरकार प्रदान कर रही है विशेष सहायता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोगों को अपने परिश्रम के आधार पर आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कराना हमारी सरकार का संकल्प है। इसी उद्देश्य से प्रदेशवासियों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस क्रम में रोजगार आधारित उद्योगों को राज्य सरकार विशेष सहायता प्रदान कर रही है और महिलाओं को रोजगार देने वाली औद्योगिक इकाईयों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।

डबल इंजन की सरकार सभी क्षेत्रों में प्राप्त कर रही है उपलब्धियां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपने परिवार के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए गृहस्थ धर्म का कर्तव्य है, लेकिन उन व्यक्तियों पर परामात्मा की विशेष कृपा होती जिनके माध्यम से कई लोगों के परिवार चलते हैं और उन्हें यश प्राप्त होता है। इस दृष्टि से उद्योगपतियों पर ईश्वर की विशेष कृपा है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में संचालित डबल इंजन की सरकार विकास और कल्याण के मोर्चों पर सक्रिय है और औद्योगिक गतिविधियां हों या जन-जन के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास, सभी क्षेत्रों में राज्य सरकार को उपलब्धियां प्राप्त हो रही हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया रीवा आईटी पार्क का किया वर्चुअल भूमि-पूजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा में 66 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से बनने वाले आईटी पार्क का वर्चुअल भूमि-पूजन किया। इसी प्रकार छोटे एवं मध्यम उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए पटेरा जिला मऊ और नया गांव में 29 करोड़ रुपए की लागत से विकसित होने वाले नवीन औद्योगिक क्षेत्र और रीवा के पास बनने वाले चुरहट इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन का भी वर्चुअल भूमि-पूजन किया गया।

त्रैमासिक न्यूज लेटर "ऑफबीट मध्यप्रदेश" का किया विमोचन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश पर्यटन के त्रैमासिक न्यूज लेटर "ऑफबीट मध्यप्रदेश" का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश पर्यटन तथा एपीएस विश्वविद्यालय के बीच, पर्यटन प्रबंधन और अतिथि सत्कार के प्रशिक्षण व पाठ्यक्रम विकास के संबंध में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। नगर निगम रीवा और एमपीआईडीसी के बीच औद्योगिक जल आपूर्ति के लिए भी समझौता (एमओयू) ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से किया वर्चुअल संवाद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना करने वाले उद्योगपतियों तथा निवेशकों से वर्चुअल संवाद भी किया। इसके अंतर्गत हातोद जिला इंदौर में प्लास्टिक प्रोडक्ट्स उत्पादन के लिए आरंभ हो रही मां तुलजा इंडस्ट्रीज की श्रीमती श्वेता शाह, पीथमपुर जिला धार में ट्रांसफॉर्मर मैन्युफैक्चरिंग को समर्पित कार्निश पॉवर जोन प्राईवेट लिमिटेड के सौरभ सैनिल, पिनेकल मोबिलिटी प्राईवेट लिमिटेड के अंतर्गत इलेक्ट्रिकल व्हीकल निर्माण में लगे संजय हरकावत से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वर्चुअल संवाद में 500 करोड़ का डाटा सेंटर स्थापित करने वाले नरेंद्र सेन ने बताया कि उनको भूमि मिलने से लेकर अनुमतियां संबंधी सभी औपचारिकताएँ मात्र 7 दिन में पूरी हो गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन के विक्रमपुरी में रूपए 324 करोड़ की लागत से मसाला इकाई स्थापित करने वाले विश्व प्रसिद्ध एमडीएच समूह को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिद्गुवा सागर में औद्योगिक गतिविधियां आरंभ करने वाले उद्यमियों से भी वर्चुअल संवाद किया।

रीवा की ऐतिहासिक आरआईसी के लिये उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मुख्यमंत्री का माना आभार

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीजनल कॉनक्लेव की संकल्पना और उसे मूर्त रूप देने के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र के विकास के लिए यह महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव का आयोजन कर प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विंध्य क्षेत्र की 9 लाख एकड़ भूमि में सिंचाई सुविधा के लिये 4 हज़ार करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। शीघ्र ही पूरे क्षेत्र की भूमि सिंचित होगी। इस सौग़ात के लिए विंध्य की जनता मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सदैव आभारी रहेगी। उन्होंने कहा कि रीवा में बाणसागर परियोजना, मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी, रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क और कुछ दिन पूर्व रीवा एयरपोर्ट का लोकार्पण किया गया है। रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव आज समय की मांग है। रीवा में रोबस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, लैंड बैंक, पानी, बिजली के साथ प्रदेश में सिंगल विंडो क्लीयरेंस, ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस और औद्योगिक संस्थानों के लिये सकारात्मक वातावरण है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों और फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिये विंध्य आकर्षक डेस्टिनेशन है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में हुआ सकारात्मक संवाद इतिहास में दर्ज होगा। उन्होंने कहा सरकार उद्योग हित और श्रमिक हित का संकल्प व्यक्त करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रीवा में इस आयोजन के लिए बधाई दी।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से जिलों में उद्यमियों का आत्म-विश्वास बढ़ा है। विकास और उन्नति की नई दृष्टि का विकास हुआ है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रदेश में समग्र और समेकित विकास की परिकल्पना को साकार करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश निश्चित ही विकास के नए आयाम और ऊंचाइयों को छूएगा।

मध्यप्रदेश है संभावनाओं की भूमि : आचार्य बालकृष्ण

पतंजलि ग्रुप के महाप्रबंधक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मध्यप्रदेश संभावनाओं की भूमि है। यहां मध्यप्रदेश के विकास के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदृष्टि है। मध्यप्रदेश में संपूर्ण देश के जो उद्योगपति अनेक क्षेत्र में उद्योग लगाना चाहते है या कार्य करना चाहते हैं उनके लिये यहां का वातावरण एवं व्यवस्थाएँ अनुकूल है। निवेश के लिये इच्छुक उद्योगपतियों को यहां आना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिये जो भी योगदान दे सकते हैं मध्यप्रदेश उनके लिये एक सुंदर और सुरक्षित स्थान है। पंतजलि के लिये मुख्य रूप से हम यहां फूड प्रोसेसिंग, ऑयल प्रोसेसिंग और फार्मा ट्रेनिंग के लिये काम करेंगे। पर्यटन और सोलर के क्षेत्र में योजना बनाकर बड़े स्तर पर कार्य करेंगे। स्थानीय लोगों के रोजगार और उनके हित और उनके कल्याण के लिये काम किया जायेगा। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि रीवा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आकर मुझे यहां एक नई परंपरा देखने को मिली। जिसमें न केवल स्थानीय स्तर पर लोग उत्साहित हैं और साथ ही संभावनाओं का बोध भी सबको हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब आप स्थानीय स्तर पर पहुंचते हैं तो वहां भी जो संभावनाएं है वे उभर कर आती है। मुझे लगता है कि देश के लिये यह पहला अलग तरह का प्रयास है, ऐसा प्रयास सभी जगह होना चाहिए।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि प्रदेश में निवेश को आमंत्रित करने, जीडीपी में वृद्धि और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य प्रदेश का समेकित विकास और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को बढ़ावा देना है। रीवा संभाग की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सिंगरौली जिला देश की ऊर्जा राजधानी कही जाती है। देश में होने वाले सीमेंट उत्पादन का 10% उत्पादन जिला सतना में होता हैं। प्रदेश में उद्योगों के लिए भूमि, बिजली और पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। बिजली के सरप्लस उत्पादन के साथ इंडस्ट्री के लिए पानी भी रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा इज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत उद्योगों के लिए आवश्यक अनुमतियों को कम समय में उपलब्ध कराने से प्रदेश में निवेश और उद्योगों की स्थापना की राह आसान हुई है। प्रदेश में गुड गर्वनेंस की दिशा में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किया गया है, जिसे 20 राज्यों ने अपनाया है।

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने प्रेजेंटेशन में प्रदेश में ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के अवसरों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा वर्तमान में निवेश का नया श्रेत्र बनकर उभरा है। पिछले 12 वर्षों में यह 14 गुना बढ़ा हैं। प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा का उत्पादन 500 मेगावाट से बढ़कर 7500 मेगावाट हो गया है। अपर मुख्य सचिव श्रीवास्तव ने प्रदेश में स्थापित सफल सोलर प्रोजेक्ट्स की जानकारी देते हुए निवेश की नीतियों की विशेषता बताई। साथ ही नीमच, मुरैना, धार, अशोकनगर आदि जिलों में सोलर और विंड के आगामी प्रोजेक्ट और निवेश के अवसर बताते हुए निवेशकों और उद्योगपतियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया।

अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने मध्यप्रदेश में आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम के क्षेत्रों में अवसरों पर प्रेजेन्टेशन दिया। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने अतुल्य भारत के सबसे स्वच्छ, हरे और सुरक्षित हृदय प्रदेश "मध्यप्रदेश" में निवेशकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थल, देश और विदेश में लोकप्रियता के नए पायदान चढ़ते जा रहें है। वर्ष 2023 में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर रिकॉर्ड 11.21 करोड़ पर्यटक पहुंचे है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक यूनेस्को विश्व धरोहर मध्यप्रदेश में है। यहाँ 12 राष्ट्रीय उद्यान, 7 टाइगर रिजर्व और 24 वन्य-जीव अभ्यारण्य के साथ मध्यप्रदेश टाइगर, लेपर्ड और चीता स्टेट भी है। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए पर्यटन निवेश नीति 2019, पीपीपी मोड पर पर्यटन प्रोजेक्ट, हेरिटेज प्रॉपर्टी, वाटर टूरिज्म लाइसेंसिंग पॉलिसी और फिल्म पर्यटन नीति की विशेषताओं जैसे इन्वेस्टर्स फैसिलिटेशन सेल, सिंगल विंडो, पारदर्शी ई-टेंडरिंग प्रक्रिया, 30% तक की कैपिटल सब्सिडी, 90 साल की लीज और 1% लीज रेंट, इंसेंटिव्स जानकारी देते हुए निवेशकों को 14 प्रकार की पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

डालमिया सीमेंट के एमडी पुनीत डालमिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में तीन हजार करोड़ रुपए के निवेश से सीमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह विश्व का पहला 100% नवकरणीय ऊर्जा से चलने वाला प्लांट होगा। पुनीत डालमिया ने कहा कि उनके संस्थान द्वारा देशभर में 15 दीक्षा सेंटर का संचालन किया जा रहा हैं। इसमें कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाकर 50 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। मध्यप्रदेश में भी इसी तरह का प्रशिक्षण सेंटर स्थापित किया जाएगा। मध्यप्रदेश के पर्यटन के प्रभावित होकर डालमिया ने म्यूजियम और साउंड एंड लाइट-शो में निवेश की भी इच्छा जताई। डालमिया ने मध्यप्रदेश में संतुलित और समेकित विकास को बढ़ावा देने के लिए हो रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन की प्रशंसा की। साथ ही हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव और सभी प्राशासनिक अधिकारियों द्वारा निवेश के अवसरों का हिंदी में प्रेजेंटेशन की सराहना भी की।

प्रमुख सचिव खनिज संजय कुमार शुक्ला ने प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा और संचालित उद्योगों की विस्तार से जानकारी दी। शुक्ला ने मध्यप्रदेश में खनिज आधारित उद्योगों की संभावनाओं पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को सभी विभागों से जुड़ी अनुमतियां आसानी से प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा जो उद्योगपति माइनिंग में कम नहीं कर रहे वे यहां प्लांट लगाए, मेगनीज, कॉपर में शुरू कर सकते है, ग्रेफाइट , रॉक फॉस्फेट ये सब प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा पत्थर अब बहुत ही महत्वपूर्व कंपोनेंट,यहां उद्यम लगाए जा सकते है।शुक्ला ने कहा ग्रेनाइट यहां से चाइना तक जा रहा है, क्षेत्र इससे सम्पन्न है। उन्होंने कहा मिनरल क्षेत्र में देश में मध्यप्रदेश नंबर वन है।उन्होंने कहा ट्रांसपोर्टेशन की यहां अपार संभावनाएं हैं,उद्यमी आगे आए।

प्रमुख सचिव, उद्योग राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहां मध्यप्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। प्रदेश पॉवर सरप्लस स्टेट है। उन्होंने कहा प्रदेश में 4 बड़े इंडस्ट्रियल कॉरिडोर है, जिसका रीवा क्षेत्र को लाभ मिलेगा। प्रमुख सचिव, उद्योग राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा मध्य प्रदेश में बेहतर रोड नेटवर्क है। साथ ही 5 एयरपोर्ट है, अब रीवा में भी एयरपोर्ट शुरू हो गया है साथ ही एयरस्ट्रिप भी जिलों में है। उन्होंने कहा इन्वेस्टर के लिए बेहतर सहूलियतें मुहैया कराई जा रही हैं। प्रमुख सचिव सिंह ने कहा मध्यप्रदेश की इंडस्ट्रियल पॉलिसी शानदार है। उन्होंने कहा कुछ सेक्टर में इंडस्ट्रियल पॉलिसी देश में सर्वोत्कृष्ट हैं। मध्यप्रदेश में जीरो प्रतिशत मेन डेज लॉस है, यहा महिलाओं के लिए सैफ वर्किंग माहौल है। प्रदेश में 4 इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव हो चुकी हैं, रीवा में 5 वा कॉनक्लेव आज हो रहा है।

प्रमुख सचिव उद्योग राघवेन्द्र सिंह ने कहा प्रदेश एक बड़ा अनाज उत्पादक प्रदेश है पंजाब और हरियाणा के बराबरी पर है, मध्यप्रदेश को 7 कृषि कर्मण पुरुस्कार मिल चुके। प्रदेश प्राकृतिक संसंसाधनों से भरपूर है और स्वच्छता के लिए विख्यात हैं।

विंध्य की नैसर्गिक संपदा और निवेश के अवसरों से अभिभूत हुए उद्योगपति

डालमिया ग्रुप के महाप्रबंधक पुनीत डालमिया ने कहा कि रीवा जैसे में बहुत शानदार तरीके से इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। इससे विंध्य में औद्योगिक निवेश के बड़े अवसर पैदा होंगे। कॉन्क्लेव में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने मध्यप्रदेश की जो तस्वीर प्रस्तुत की है उससे सभी उद्योगपति बहुत प्रभावित हैं। विंध्य में डालमिया उद्योग चार लाख टन उत्पादन क्षमता का सीमेंट प्लांट लगाने जा रहा है। इसमें तीन हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। यह प्रदेश का नवकरणीय ऊर्जा पर चलने वाला पहला सीमेंट प्लांट होगा। विंध्य में पर्यटन के विकास में भी हमारा ग्रुप निवेश करेगा।

हमारे ग्रुप में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने बहुत बड़ी संख्या मध्यप्रदेश के निवासियों की है। विंध्य कला, संस्कृति और संस्कार की भूमि है। पूरा मध्यप्रदेश शांति का टापू है। पतंजलि ने स्वदेशी उत्पादों और नवीन टेक्नॉलाजी को लगातार बढ़ावा दिया है। मध्यप्रदेश के रूचि सोया प्लांट को नया जीवन देकर पतंजलि ने कई खाद्य उत्पाद बना रहा है। मध्यप्रदेश में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए हम किसानों का सहयोग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के कई जिलों में सरसों, अन्य तिलहनों तथा औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर सहयोग कर रहे हैं। ऑर्गेनिक खेती की उपज को किसानों से सीधे खरीदकर उन्हें लाभ दे रहे हैं। पतंजलि उज्जैन में उद्योग और आयुर्वेदिक केन्द्र की स्थापना करेगा। सोलर एनर्जी और आईटी के क्षेत्र में भी हम बड़ा निवेश करेंगे।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट एच.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमारा उद्योग जन कल्याण और देश के विकास में सतत योगदान के लक्ष्य को लेकर लगातार निवेश कर रहा है। कपड़ा उद्योग, मोबाइल सेक्टर, ऊर्जा क्षेत्र सहित अनेक क्षेत्रों में कार्य हो रहे हैं। शहडोल में मीथेन गैस का दोहन करके उसका ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा रहा है। हम विंध्य क्षेत्र में धान की पराली, केले के अवशेष तथा अन्य खेती के अवशेषों से बिजली बनाने का प्लांट शीघ्र ही लगाएंगे। ऑर्गेनिक खाद का उत्पादन कर पर्यावरण-संरक्षण एवं किसानों की आय बढ़ाने में सहयोग करेंगे।

रामा ग्रुप के सीएमडी नरेश गोयल ने कहा कि हम सतना जिले में वर्ष 1998 से लकड़ी पर आधारित उद्योग संचालित कर रहे हैं। शीघ्र ही लकड़ी पर आधारित दो नई इकाइयों की विंध्य में स्थापना की जाएगी। लगभग 100 करोड़ का हम निवेश करने जा रहे हैं। साथ ही 400 करोड़ का एमडीएफ यूनिट स्थापित करने की योजना पर भी कार्य हो रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड में प्लाईवुड यूनिट और छत्तीसगढ़ में दो यूनिट स्टील आयरन की भी लगाई गई हैं। वुड बेस्ड इंडस्ट्री वनों पर आधारित नहीं है। यह अब एग्रो बेस्ड वुड पर आधारित हो गया है।

अडाणी ग्रुप के भिमसी कचोट ने कहा कि हमारा ग्रुप मध्यप्रदेश में सीमेंट और ऊर्जा के क्षेत्र में पहले ही बड़ा निवेश कर चुका है। हमारे दो प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर तैयार हो रहे हैं। हम ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाएंगे। मध्यप्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए बहुत ही सकारात्मक नीतियाँ हैं।

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