राज्य सरकार निवेशकों के लिए विभिन्न रियायतों का कर रही प्रावधान: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

राज्य सरकार निवेशकों के लिए विभिन्न रियायतों का कर रही प्रावधान: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

142 निवेश प्रस्तावों के एमओयू से प्रदेश में होगा लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश

लगभग 59 हजार लोगों को मिलेगा प्रत्यक्ष रोजगार

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सुविधाएं और रियायतें उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को गति देने के लिए नई राजस्थान पर्यटन इकाई नीति लाई जा रही है तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की रियायतों का प्रावधान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री मंगलवार को जयपुर स्थित होटल ललित में आयोजित राइजिंग राजस्थान पर्यटन प्री-समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समिट में पर्यटन क्षेत्र में 142 निवेश प्रस्तावों के एमओयू से प्रदेश में लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे राज्य में 59 हजार प्रत्यक्ष और 10 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। शर्मा ने कहा कि हम राजस्थान को एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाना चाहते हैं। इसके लिए राजस्थान पर्यटन विकास बोर्ड का गठन कर राजस्थान टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड कैपेसिटी   बिल्डिंग फंड बनाकर पर्यटन क्षेत्र में 5 हजार करोड़ रुपये के कार्य करवाए जाएंगे। साथ ही, रिप्स-2024 में स्टैंडर्ड सर्विसेज पैकेज के तहत इन्सेंटिव हेतु पर्यटन के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई है।

राजस्थान में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं

शर्मा ने कहा कि राजस्थान एक विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र है, जिसे शांत, सुरक्षित एवं सौहार्द्रपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है। वर्ष 2023 में राज्य में करीब 18 करोड़ घरेलू और 17 लाख अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आए। पर्यटकों के सुगम आवागमन के लिए हवाई अड्डों का उन्नयन और विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जयपुर हवाई अड्डे में नए स्टेट टर्मिनल के निर्माण के साथ ही इसकी यात्री क्षमता भी बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। वैडिंग टूरिज्म में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है। साथ ही यहां धार्मिक पर्यटन भी तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सालासर, खाटूश्याम, बाबा रामदेव में श्रद्धालु बड़ी तादाद में दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसके लिए होटलों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य बजट में भी खाटूश्यामजी के पावन धाम को भव्यता प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीव पर्यटन में राज्य के रणथंभौर और सरिस्का टाइगर अभ्यारण्य प्रसिद्ध हैं। हाल ही में जयपुर में नाहरगढ़ टाइगर सफारी की शुरुआत भी की गई है। साथ ही, माही नदी के द्वीपों में द्वीप पर्यटन तथा जैसलमेर के खुड़ी में पर्यटकों को डेजर्ट सफारी की असीम संभावनाएं हैं। हमें ऐसे पर्यटन स्थलों पर उपयुक्त भूखंड चिह्नित कर होटल स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए। शर्मा ने कहा कि हमारा प्रदेश फिल्म शूटिंग के लिए भी उपयुक्त है। इन संभावनाओं को भुनाने के लिए काम करने की आवश्यकता है। 

पर्यटन क्षेत्र में कम निवेश पर भी अधिक लाभ

शर्मा ने निवेशकों से आह्वान किया कि वे राजस्थान में अधिक से अधिक संख्या में निवेश करें। राज्य सरकार हर कदम पर उनका सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में कम निवेश पर अधिक लाभ मिलता है और यह क्षेत्र रोजगार का भी बड़ा सृजक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्ट्मेंट समिट के दिल्ली और मुंबई ‘इन्वेस्टर मीट’ में 12.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। जापान और कोरिया में भी हमें राजस्थान में निवेश को लेकर बहुत उत्साह देखने को मिला। 

शर्मा ने कहा कि बिजली, पानी और सड़क किसी भी राज्य के विकास का मुख्य आधार होते हैं। इसलिए हमनें सरकार बनते ही इन तीनों क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया है। पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी के साथ ही शेखावाटी के लिए यमुना जल समझौता तथा दक्षिण राजस्थान के जिलों के लिए देवास परियोजना का धरातल पर क्रियान्यवन किया जा रहा है। साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य को आत्म निर्भर बनाने के लिए 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली-पानी की पर्याप्त उपलब्धता से राज्य में कृषि, उद्योग एवं पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा जिससे विकसित राजस्थान का सपना साकार होगा। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाकर पर्यटन में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में राजस्थान को नंबर एक राज्य बनाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पर्यटन विभाग की ओर से नई पर्यटन नीति, नई पर्यटन यूनिट नीति, ग्रामीण पर्यटन नीति तथा फिल्म पर्यटन नीति लागू की जाएगी जिससे राजस्थान में पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाएं और अवसर पैदा होंगे। पर्यटन मंत्री ने कहा कि आगामी मार्च माह में जयपुर में आईफा 2025 का ऐतिहासिक आयोजन किया जाएगा जो कि राजस्थान में पर्यटन के नये द्वार खोलेगा।

कार्यक्रम में पर्यटन, कला एवं संस्कृति शासन सचिव रवि जैन की ओर से राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों को दी जा रही सुविधाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। इस अवसर पर पर्यटन आयुक्त विजयपाल सिंह, प्रबंध निदेशक आरटीडीसी र्सुषमा अरोड़ा, चेयरपर्सन फिक्की टूरिज्म एण्ड कल्चर कमेटी दीपक देवा, को-चेयरमेन फिक्की राजस्थान सुरेन्द्र सिंह शेखावत, को-फाउंडर एवं डायरेक्टर विजक्राफ्ट ग्रुप मुम्बई सब्बास जोसफ सहित बड़ी संख्या में निवेशक एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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