कब लगाएं और उसका प्रभाव दुष्प्रभाव
Praveen namdev
जबलपुर, संस्कारधानी में चिकित्सकों की अतिमहात्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में चिकित्सकों ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन के बारे मेंंन कुछ मुख्य बातें बतायीं जो सभी को अवश्य जानना चाहिये।
1. रेमडेसिवीर इंजेक्शन का उपयोग मरीज में लक्षण आने के 9 दिनों के अंदर करना चाहिए 10वें दिन के बाद रेमडेसिवीर का उपयोग व्यर्थ है।
2. जिन मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन 93% से अधिक है उन्हे प्रायः रेमडेसिवीर की आवश्यकता नही पडती है।
3. जिन मरीजों का HRCT SCORE 12 से कम है उन्हे प्रायः रेमडेसिवीर की आवश्यकता नही पडती है।
4. ऐसे मरीज जिनका SEVERITY SCORE 12 से कम है उन्हे कोविड प्रोफाइल के आधार पर रेमडेसिवीर दिया जाना चाहिए। अर्थात कोविड प्रोफाइल में RISING SCORE है तो ही रेमडेसिवीर की आवश्यकता होती है।
5. ध्यान रहे रेमडेसिवीर के साईड इफेक्ट भी हैं। जैसे हृदय की गति रूक जाना, किडनी एवं लीवर की कार्य क्षमता पर प्रभाव / फेल्योर इत्यादि। अतः जिन लोगों को हृदय, किडनी, लीवर की पहले से ही कोई समस्या है उन्हे डॉक्टर के द्वारा सुरक्षित मात्रा में रेमडेसिवीर का डोज देना पडता है।
6. लोगों के मन में ये भ्रांति है कि रेमडेसिवीर के 6 इंजेक्शन का कोर्स लेना ही पडता है। यह बात सर्वदा गलत है। यदि रेमडेसिवीर के दो - तीन इंजेक्शन के बात पेशेंट का ऑक्सीजन सेचुरेशन में सुधार हो जाता है तो ऐसे मरीजों को फैबिफ्लू टेबलेट का मेन्टेनेन्स कोर्स देकर डिस्चार्ज किया जा सकता है।
नोट - यह बैठक मध्यप्रदेश नर्सिंग होम के अध्यक्ष डॉक्टर जीतेन्द्र जामदार की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें डॉक्टर राजेश धीरावाणी, डॉक्टर रत्नेश कुरारिया (सीएमएचओ), डॉक्टर रिषि डावर, डॉक्टर परिमल स्वामी, डॉक्टर मोहन्ती, डॉक्टर दीवान, डॉक्टर मनीष मिश्रा, डॉक्टर दीपक वरकडे, डॉक्टर संजय मिश्रा आदि उपस्थित रहे।