कंगाली के साए में पाकिस्तान की ईद, नए कपड़े-जूतों के लिए भी तरस रहे लोग
पाकिस्तान
बुधवार को दुनियाभर में ईद मनाई जा रही है लेकिन पाकिस्तान के लोगों के लिए यह ईद खुशी की जगह दुख लेकर आई है. ईद पर जहां पहले पाकिस्तान के बाजार और मॉल हाउसफुल रहा करते थे, वह आज खाली पड़े हुए हैं. मुद्रास्फीति की वजह से पाकिस्तान में चीजों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं, जिससे यहां चीजों के दाम आम आदमी की पहुंच से बाहर जा चुके हैं.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, कपड़ों और ज्वैलरी का शौक अब अमीरों के बस का रह गया है. इस ईद पर इनके दाम अब गरीबों की पहुंच के बाहर हैं. पिछली बार चूड़ियां और जूतों के दाम आम आदमी की पहुंच में थे लेकिन इस बार इनके दाम दुकानदारों ने बहुत ज्यादा बढ़ा दिए हैं. दुकानदारों ने हाल की मुद्रास्फीति के साथ इसे उचित ठहराया है. उन्होंने कहा कि चिलचिलाती गर्मी के कारण इस साल बहुत से लोग सामान खरीदने नहीं आए. इस वजह से उन्होंने अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कीमतों में वृद्धि की है.
लाहौर के अनारकली बाजार में शॉपिंग करने आई एक महिला बोली कि महिला होने की वजह से आमदनी के सीमित साधन हैं. मेरे तीन बच्चे हैं लेकिन इस बार ये संभव नहीं है कि सबके लिए नए कपड़े खरीद सकें. वहीं लाहौर की लिबर्टी मार्केट में शॉपिंग करने आए एक शख्स ने कहा कि इस बार मेहंदी और चूड़ियों के दाम भी बहुत बढ़े हुए हैं. दामों को नियंत्रित करने के लिए कोई रेगुलैटरी बॉडी होनी चाहिए.
चार बच्चों के पिता ने दुखी होते हुए कहा कि इस बार की ईद गरीबों के लिए नहीं है. यह ईद सिर्फ एलीट और अपर क्लास के लिए है जो 'नया पाकिस्तान' है. उन्होंने यह भी कहा कि अपनी पत्नी से घर पर अपने बच्चों के लिए कपड़े सिलने के लिए कहा था क्योंकि वह उनके लिए नए कपड़े नहीं खरीद सकती थी.
ईद के बारे में पूछने पर लाहौर के भट्टा चौक के पास बैठा एक मजदूर का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने कहा कि पूरे रमजान में उन्हें कोई काम नहीं मिला और अब उनके पास अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. मेरे पास घर में खाने के लिए शायद ही कुछ है. मैं कपड़े खरीदने के बारे में कैसे सोच सकता हूं. उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें निराश किया है क्योंकि वह गरीबों के लिए राहत की उम्मीद कर रहे थे. उन्हें महंगाई के अलावा कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान गरीबों के उत्थान के वादे किए थे लेकिन नई सरकार इसमें बुरी तरह से विफल रही.
पाकिस्तान में आम आदमी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. अब ईद से पहले आम जरुरत की चीजों के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं. दरअसल पिछले एक महीने में पाकिस्तानी करंसी दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोर हुई है. जिसकी कीमत पाकिस्तानियों को चुकानी पड़ रही है.
पाकिस्तान के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में महंगाई दर 8.82 फीसदी से बढ़कर 9.11 फीसदी हो गई है. पिछले हफ़्ते पेट्रोल की कीमत चार रुपये 26 पैसे, डीजल में चार रुपये 50 पैसे और मिट्टी के तेल की कीमत एक रुपये 69 पैसे बढ़ा दी गई. पाकिस्तान में पेट्रोल अब 112 रुपये 68 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है.
सरकार बार-बार कह रही है कि ये परेशानी केवल कुछ समय के लिए है और दो महीने के बाद हालात में सुधार होगा. लेकिन विपक्ष का कहना है कि आम आदमी इस महंगाई को झेल रहा है और सरकार को समझ में नहीं आ रहा है कि इस पर कैसे काबू पाया जाए.