प्रदेश के पाँचों मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर ने दिया सामूहिक इस्तीफा

भोपाल
प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को रोकने सरकार द्वारा उठाया गया कदम भी नाकाम हो गया| प्रदेशभर के जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।   जूनियर डॉक्टर ने आज डीन से मुलाकात की। लेकिन जूडा की मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला किया। सोमवार को ही सरकार ने अधिसूचना जारी कर जूडा और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाओंं को अत्यावश्यक घोषित करते हुए एस्मा लगा दिया था और तीन माह तक सामूहिक अवकाश पर भी रोक लगाई थी| लेकिन मांगे पूरी न होने से नाराज जूडा ने सामूहिक इस्तीफ़ा दे दिया|  

दरअसल, स्टाइपेंड बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं| ACS राधेश्यान जुलानिया ने जूडा से चर्चा के दौरान कहा था कि जूडा पहले हड़ताल समाप्त करें और फिर चर्चा करें। लेकिन जूडा इसके लिए राजी नहीं हुआ। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने देर शाम नोटिफिकेशन जारी करते हुए एस्मा लगाते हुए जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के 3 महीने तक अवकाश पर रोक लगा दी थी।

 मंगलवार को सुबह जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की बैठक हुई जिसमे हड़ताल जारी रखने का फैसला हुआ| इसके बाद प्रदेश के पाँचों मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर ने सामूहिक इस्तीफ़ा दे दिया| जूडा ने सुबह डीन से मुलाकात करते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई। जब सर्वमान्य हल नहीं निकला तो प्रदेशभर के जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। हड़ताल और इस्तीफ़ा देने से स्वास्थ व्यवस्था बिगड़ेगी|

राजधानी के हमीदिया व सुल्तानिया अस्पताल के पैरामेडिकल कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से दोनों ही अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ गई हैं। मरीज परेशान हो रहे हैं। अॉपरेशन टाल दिए गए हैं। इससे दोनों अस्पतालों में भर्ती मरीजों के इलाज और जांच की व्यवस्था बिगड़ गई हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज को उपचार नहीं मिल पा रहा है।