हिंदू बनने के लिए धर्म बदलना जरूरी नहीं, भारत में रहने वाला हर कोई हिंदू है: मोहन भागवत
नई दिल्ली, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत इन दिनों मेघालय दौरे पर हैं। यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संघ का मिशन भारत का सर्वांगीण विकास करना और समाज को संगठित करना है। उन्होंने कहा, आरएसएस व्यक्तिगत स्वार्थों को त्याग कर देश के लिए बलिदान करना सिखाता है।
मुगलों और ईसाईयों से पहले भी हिंदू अस्तित्व में थे
मोहन भागवत ने कहा, हिमालय के दक्षिण में, हिंद महासागर के उत्तर में और सिंधु नदी के तट के निवासियों को परंपरागत रूप से हिंदू कहा जाता है। मुगलों और ईसाईयों से पहले भी हिंदू अस्तित्व में थे। उन्होंने कहा, दरअसल, हिंदू एक धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, हिंदू शब्द उन सभी को शामिल करता है, जो भारत माता के पुत्र हैं। भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं और जो भारतीय संस्कृति के अनुसार रहते हैं। उन्होंने कहा, भारत में रहने वाला हर कोई हिंदू है। हिंदू बनने के लिए धर्म बदलने की आवश्यकता नहीं है। भारत पश्चिमी अवधारणा वाला देश नहीं है।
जब भारत शक्तिशाली होता है, तो हर नागरिक शक्तिशाली होता है
मोहन भागवत ने कहा, आध्यात्मिकता पर आधारित सदियों पुराने मूल्यों में निहित विश्वास देश के लोगों के बीच बाध्यकारी शक्ति है। हमारे पूर्वजों ने विभिन्न विदेशी भूमि का दौरा किया था और जापान, कोरिया, इंडोनेशिया और कई अन्य देशों को समान मूल्य प्रदान किए थे। उन्होंने कहा, भारत एक ऐसा देश है जिसने दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया है। भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न देशों को टीके भेजकर मानवता की सेवा की और आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंका के साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा, जब भारत शक्तिशाली होता है, तो हर नागरिक शक्तिशाली होता है।