घरेलू के साथ अब आवारा मवेशियों की गणना, आंकड़े होंगे ऑनलाइन

घरेलू के साथ अब आवारा मवेशियों की गणना, आंकड़े होंगे ऑनलाइन

महासमुंद
पशुधन विकास विभाग की योजनाओं से पशुपालकों से लाभान्वित करने के लिए पहली बार घरेलू के साथ आवारा पशुओं की गणना की जा रही है। पशु गणना का कार्य प्रारंभ हो गया है, यह 31 दिसंबर तक चलेगा।

देशभर में एक साथ चल रहे इस काम में पहली बार कुछ ऐसे क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया जा रहा है, जहां कभी ध्यान नहीं दिया गया। गणना में नस्लों की प्रजाति और दुधारू मवेशियों की अलग श्रेणी बनाई जाएगी। जिले में वृहद पैमाने पर यह काम पेपरलेस हो रहा है। इसके लिए टीम के हर सदस्य को एक किट दिया गया है, इसमें टैबलेट है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. धर्मदास झारिया ने बताया कि इस बार पशुओं की गणना टैबलेट के माध्यम से की जा रही है।

इस टैबलेट में कर्मचारी पशुओं की पूरी जानकारी अपलोड करेंगे, जिसकी जानकारी ऑनलाइन प्रदर्शित होगी। डॉ. झारिया ने बताया कि पशु गणना में अभी तक केवल घरेलू मवेशियों की गिनती होती रही थी। पहली बार इसमें दुधारू मवेशियों की संख्या, शुद्ध भारतीय और विदेशी नस्ल के मवेशी की गणना होगी। वहीं आवारा मवेशियों के लिए भी अलग से कैटेगिरी रखी गई है। पशु के साथ मतस्य पालन, मछुआरे और विक्रेता तथा विक्रय स्थल का पूरा डाटा संग्रहित होगा। गणना की स्थिति एक पक्का हिसाब ऑनलाइन रहेगा।

पशु तस्करी पर लगेगी लगाम, प्रयास जारी
बताया जाता है कि आवारा मवेशियों की गणना से पशु तस्करी में लगाम लग सकती है। पूर्व में आवारा मवेशियों की जानकारी नहीं होने के कारण विभाग स्थिति से अवगत नहीं हो पाता था, इसलिए पशुपालन विभाग आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए हाथ खींच लेता था। अब गणना होने के बाद मवेशियों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इसके बाद यदि कोई भी व्यक्ति पशु तस्करी करते पकड़ा गया तो, पशु क्रुरता के तहत उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि जनवरी से माह अक्टूबर तक यदि पुलिस विभाग के आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो पशु तस्करी के ६ प्रकरण अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं।

प्रतिदिन की जानकारी टैबलेट में हो रही अपलोड
इसके क्रियान्वयन के लिए ६३ प्रगणक, १३ सुपरवाइजर व एक नोडल ऑफिसर काम में लगाए गए हैं, जो प्रतिदिन की जानकारी तत्काल टैबलेट में दर्ज कर रहे हैं। इन अधिकारी व कर्मचारियों को गणना करने के लिए ३१ दिसंबर तक समय दिया गया है। प्रगणक घरों में जाकर मवेशियों की जानकारी ले रहे हैं। वहीं आवारा मवेशियों की भी जानकारी अपलोड की जा रही हंै।