प्राकृतिक खूबसूरती समेटे जशपुर के मयाली की बन रही अलग पहचान

प्राकृतिक खूबसूरती समेटे जशपुर के मयाली की बन रही अलग पहचान

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ मधेश्वर पहाड़  

रायपुर, नैसर्गिक, खूबसूरती से समृद्ध छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल में ही पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। इससे निवेशक पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करेंगे और यहां पर्यटन सुविधाओं के बढ़ने से रोजगार के नये अवसर पर भी बढ़ेंगे।

जशपुर जिले में नैसर्गिक प्राकृतिक दृश्य से भरी वादियां तथा पहाड़ों से बहते झरने और जल प्रपात के साथ ही विशाल हरे-भरे वन यहां की नैसर्गिक सुंदरता में चार-चांद लगाते हैं। जशपुर का मयाली नेचर कैम्प उस समय चर्चा में आया जब वहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक हुई। इस नेचर कैम्प का केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना में शामिल कर लिया गया है। वहीं राज्य के पर्यटन विभाग ने इस नेचर कैम्प के विकास के लिए 10 करोड़ रूपए की राशि मंजूर की है।

मुख्यमंत्री के प्रयासों से मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है। इस शिवलिंग पर लोगों की बड़ी आस्था है। यहाँ सैलानी दूर-दूर से आते हैं और प्रकृति से अपने आप को जोड़ते हैं। मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय होता जा रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रवास पर आई राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के साथ नवा रायपुर के मुख्यमंत्री निवास में एक ग्रुप फोटो हुई। इस ग्रुप फोटो की खास बात यह थी कि इसके बैकड्रॉप में जशपुर का खूबसूरत मधेश्वर पहाड़ प्रदर्शित था। पूरी दुनिया में प्रसारित इस फोटोग्राफ ने जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता की ओर लोगों का ध्यान खींचा है।

जिला मुख्यालय से लगभग 32 किलोमीटर दूरी पर कुनकुरी ब्लॉक में मयाली नेचर पार्क है। एनएच-43 सड़कमार्ग से जाते समय चरईडांड चौक से बगीचा की ओर जाते समय कुछ ही दूरी पर मयाली नेचर कैंप स्थित है। यहां एक ओर डैम की खूबसूरती है, तो दूसरी ओर विशालतम प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ का विहंगम दृश्य दिखाई पड़ता है। चारों ओर फैली हरियाली से इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है।

मयाली डेम में लोग यहां की खूबसूरती को निहारने के साथ ही बोटिंग का आनंद लेने के लिए भी आते हैं। यहां पर्यटकों के रात्री विश्राम की सुविधा के लिए रिर्साट बनाया गया है। यहां बटरफलाई पार्क के बाद अब कैक्टस पार्क बनाने की योजना तैयार की गई है। जशपुर के मनोरम पर्यटन स्थलों को पर्यटन वेबसाइट https://www.easemytrip.com/ में जगह दी गई है। जशपुर इस पर्यटन वेबसाइट में शामिल होने वाला प्रदेश का पहला जिला बन गया है।

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