स्पर्श विधा और संकेत विधा का अनूठा स्कूल है “आस्था ग्राम“ में कलेक्टर ने किया अवलोकन

खरगौन यहां एक नेत्रहीन बच्चा न बोल न सुन पाने वाले बच्चे को संकेत के माध्यम से बताता है और वह बिना सुने उसकी बातों को हुबहु लिख देता है। वहीं अच्छा खासा देखने, बोलने व समझने वाला बच्चा भी नेत्रहीन को सांकेतिक भाषा व ब्रेललिपी सिखाता है। कक्षा 6वीं में पढ़ने वाला इकराम, जो बोल नहीं सकता, लेकिन सुन लेता है उसने कलेक्टर के पिता श्री का नाम पूछा और संतोषी को इशारे में बताया। संतोषी जो कि न बोल सकती है न सुन सकती है, उसने नाम हुबहु लिखा। ऐसे कई छात्र है, जो आस्था ग्राम में एक-दूसरे की भाषा को अच्छे से जानते, समझते है और एक-दूसरे से मित्रवद्ध व्यवहार करते है। आस्था ग्राम की संचालिका डॉ. मेजर अनुराधा बताती है कि यहां स्पर्ष विधा व संकेत विधा के माध्यम से एक-दूसरे को पढ़ाया जाता है। कलेक्टर श्री शशि भूषण सिंह शनिवार को आस्था ग्राम के अवलोकन के लिए पहुंचे थे। इस दौरान आस्था ग्राम के शिक्षक व सहयोगीगण सहित पूर्व प्राचार्य अजय नारमदेव उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री सिंह ने बच्चों के आपसी समन्वय को देखकर कहां कि वे आश्चर्य चकित है, और इससे ज्यादा खुश भी हुं कि आप लोग हमारे जैसे सामान्य नागरिकों के लिए आदर्ष बन सकते है। आप सभी के इस समन्वय को सलाम। सभी को शुभकामनाएं और उज्जवल भविश्य बना रहे। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने आस्था ग्राम परिसर में पौधारोपण भी किया। आस्था ग्राम के बच्चे लगाते है बाजार, यही उनकी शिक्षा है आस्था ग्राम में न सिर्फ पर्यावरण बचाने के लिए न सिर्फ वृक्षारोपण हुआ है, बल्कि यहां सभी तरह के दिव्यांग बच्चों को जीवन के हर एक पहलू से अवगत कराया जाता है। संचालिका डॉ. अनुराधा ने बताया कि प्रत्येक सप्ताह में एक दिन बच्चों द्वारा बाजार लगाया जाता है। इस बाजार में वे खरीददारी करते है। खरीददारी करने के बाद नापतौल, भावताव सहित घर में अनाज व आटे से बनने वाली रोटियों व भोजन तक की जानकारी रखते है। ऐसा अलग-अलग तरह के बाजार लगाए जाते है, जो हर सप्ताह अलग-अलग रूप व स्वरूप में होते है। आस्था ग्राम के बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। सभी प्रकार के दिव्यांग बच्चों को यहां सांप सीढ़ी खेलते देखा जा सकता है, चाहे व नेत्रहीन, गुंगा-बहरा क्यों न हो। मंदबुद्धी के बच्चे भी यहां खेलों में पारंगत है। इन बच्चों के लिए विशेष तरह का सांप सीढ़ी का बोर्ड बनाया गया है। यहां के बच्चे नृत्य व संगीत विधा में भी आगे है। इनका स्वयं का बैंड बनाया है। आस्था ग्राम खरगोन में हाट स्पॉट से कम नहीं आस्था ग्राम को मप्र शासन द्वारा राज्य स्तरीय जैव विविधता पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है। यहां 34 से अधिक औषधिय पौधे, करीब 45 छायादार प्रकार के पेड़, करीब 20 फलदार पेड़, 62 शोभायमान फूलों वाले पेड़ पौधे, 11 प्रकार की सब्जियां, 7 प्रकार की चिंहित झांडियां व 5 प्रकार की चिन्हित घास व खरपतवार मौजूद है। साथ ही यहां करीब 11 प्रकार के संकट ग्रस्त प्रजातियों के पेड़ भी है। खरगोन में यह स्थान किसी हाट स्पॉट से कम नहीं है।