यूजीसी के चेयरमैन कुलपतियों से बोले- रिसर्च ऐसा करें कि विदाई में हो चर्चा
रायपुर
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के कुलपतियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि कुलपतियों को पांच-पांच गांव गोद लेकर सामाजिक समस्याओं पर अध्ययन कराना चाहिए। गांव ऐसे होने चाहिए जो पहले से सुविधायुक्त न हों। सुविधाविहीन गांवों में यदि कोई रिसर्च करके समस्या हल करेंगे तो आपको विदाई के समय लोग चर्चा में रखेंगे। प्रो. पाल कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि (केटीयू) में कुलपति संगोष्ठी कार्यक्रम में कुलपतियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा बेहतर कुलपति बनने के लिए सामाजिकता, राष्ट्रीयता और वैश्विकता के स्तर का विजन बनाकर काम किया जाना चाहिए। केटीयू के टीवी और रेडियो प्रसारण कार्यक्रम में हिस्सा बनकर यहां की तारीफ की ।
सामाजिक पृष्ठभूमि से जोड़ें सिलेबस
प्रो. पाल ने कहा कि हमारा सिलेबस सामाजिक पृष्ठभूमि से जुड़ा होना चाहिए। सिटी में प्रदूषण हो रहा है । किसान का बेटा गांव नहीं जाना चाहता है। सिलेबस ऐसा बनाएं और उनके पालकों को बताएं कि यह पढ़कर तीन साल बाद विद्यार्थी में क्या हुनर होगा। साइंस में रिसर्च हो रहे हैं लेकिन कला में रिसर्च की कमी है। सामाजिक समस्याओं से जोड़कर कला में भी रिसर्च किए जा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर अपना नाम उठाने के लिए आपको जलवायु परिवर्तन, योग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर रिसर्च करना चाहिए।
इस मौके पर कुशभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि के कुलपति डॉ. मानसिंह परमार, रविवि के कुलपति डॉ. केएल वर्मा, सरगुजा विवि के कुलपति डॉ. रोहिणी प्रसाद, इंदिरा कला संगीत विवि खैरागढ़ के कुलपति डॉॅ. मांडवी सिंह, छत्तीसगढ़ फीस विनियामक समिति के अध्यक्ष डॉ. अंजनी शुक्ला, केटीयू के कुलसचिव प्रो. अतुल तिवारी उपस्थित थे।
अलग- थलग रहकर न करें गुणवत्ता की बात
प्रो. पाल ने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की बात अलग- थलग रहकर नहीं की जा सकती। निजी और सरकारी विवि को मिलकर चलना होगा। टू लर्न टूगेदर, टू वर्क टूगेदर और टू डिलीवर टूगेदर, आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों को भी जोड़ना चाहिए।
ये महत्वपूर्ण बातें कही
- विवि कैम्पस में अच्छी पढाई, बुनियादी सुविधाएं, बेहतर माहौल बनाएं।
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- आध्यापक के साथ विद्यार्थियों का बेहतर संबंध बनाकर सर्वांगीण विकास करें।
- पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी कुलपति आगे बढ़कर काम करें।
- प्रदूषण को रोकने के लिए साइकिलिंग व सोलर एनर्जी को बढावा दें।
- उच्च शिक्षा की जो भी व्यवस्था हो वह विद्यार्थी केंद्रित होना चाहिए।
-नई शिक्षा नीति को जल्द अमल किया जाए।
- नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा होनी चाहिए।
- समाज के साथ जुड़कर रिसर्च पर फोकस करना चाहिए।
- ऑनलाइन कोर्सेस और मूक पर ध्यान देना जरूरी।