आदिगुरु शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत दर्शन को समर्पित है एकात्म धाम

आदिगुरु शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत दर्शन को समर्पित है एकात्म धाम

अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में होगा विकसित

भोपाल, सनातन धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता 'आचार्य शंकर' के जीवन और दर्शन को समर्पित "एकात्म धाम" का निर्माण किया जा रहा है। आचार्य शंकर के दर्शन लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ खंडवा के ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। संपूर्ण निर्माण पारंपरिक भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली में किया जा रहा है। यह प्रकल्प पर्यावरण अनुकूल होगा। अद्वैत लोक के साथ ही 36 हेक्टेयर में अद्वैत वन नाम का एक संघन वन विकसित किया जा रहा है।

'एकात्म धाम' के अंतर्गत आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची 'एकात्मता की प्रतिमा', 'अद्वैत लोक' संग्रहालय और आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापना की जा रही है। इस प्रकल्प के प्रथम ऐतिहासिक चरण के रूप में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोमवार 18 सितंबर को एकात्मता की प्रतिमा का अनावरण किया जायेगा। यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है जिसमें आदि शंकराचार्य जी बाल स्वरूप में है।

ओंकारेश्वर खंडवा, आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि और गुरु भूमि है। यही उनको अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। 12 वर्ष की आयु में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया। इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 वर्ष के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। यह मूर्ति सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुर द्वारा उकेरी गई है। मूर्ति हेतु बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार श्री वासुदेव कामत द्वारा वर्ष 2018 में बनाया गया था। मूर्ति निर्माण के लिए वर्ष 2017-18 में संपूर्ण मध्य प्रदेश में एकात्म यात्रा निकाली गई थी जिसके माध्यम से 27,000 ग्राम पंचायतों से मूर्ति निर्माण के लिए धातु संग्रहण जनजागरण का अभियान चलाया गया था।

शंकर संग्रहालय के अंतर्गत आचार्य शंकर के जीवन दर्शन व सनातन धर्म पर विभिन्न वीथिकाएँ, दीर्घाएँ, लेजर लाइट वॉटर साउंड शो, आचार्य शंकर के जीवन पर फिल्म, सृष्टि अद्वैत व्याख्या केंद्र, अद्वैत नर्मदा विहार, अन्नक्षेत्र, शंकर कलाग्राम आदि प्रमुख आकर्षण रहेंगे। आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान के अंतर्गत दर्शन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा कला पर केंद्रित चार शोध केंद्रों के अलावा ग्रंथालय,  विस्तार केंद्र तथा एक पारंपरिक गुरुकुल भी होगा।

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