CM को सीधी सर्किट हाउस में रातभर मच्छरों ने काटा, इंजीनियर सस्पेंड
सीधी.
सीधी में हुए बस हादसे (Bus accident) के बाद कई अधिकारियों पर शासन की गाज गिरी है.अब विश्राम गृह के सब इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है और दो अफसरों को कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी किया गया है.इस बार भी मामला गंभीर लापरवाही का है और वो भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ का.
सीधी में तीन दिन पहले मंगलवार को हुए बस हादसे के अगले दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधवार को सीधी दौरे पर गए थे. वो यहां पीड़ित परिवारों से मिलने और रेस्क्यू ऑपरेशन की व्यवस्था देखने गए थे. दिनभर वो लोगों से मिले और रात में पैदल ही गांव-गांव जाकर पीड़ितों के घर पहुंचे. देर रात सीएम ने अफसरों की बैठक ली और उस हादसे में लापरवाही बरतने पर 4 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया.
रात्रि विश्राम के लिए गए थे विश्राम गृह
दिनभर की व्यस्तता के बाद सीएम शिवराज देर रात विश्राम गृह में आराम करने चले गए. लेकिन वहां इतने मच्छर थे कि सीएम सो नहीं पाए. करीब ढाई बजे रात में मच्छर मार दवा बुलवायी गयी.सीएम ठीक से सो भी नहीं पाए होंगे कि अल सुबह करीब 4 बजे विश्राम गृह की पानी की टंकी ओवरफ्लो हो गयी औऱ पानी नीचे गिरने लगा.बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने खुद ही उठकर नल बंद करवाया.
सब इंजीनियर सस्पेंड, 2 को नोटिस
इस के बाद रीवा कमिश्नर राजेश जैन ने उच्च विश्राम गृह के प्रभारी सब इंजीनियर बाबूलाल गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वंही कार्यपालन यंत्री देवेन्द्र सिंह और अनुविभागीय अधिकारी आर के मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.इससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है और उच्च विश्राम गृह में साफ सफाई सहित तमाम कमियों को पूरा करने की कागजी कवायद शुरू हो गयी.
कमिश्नर ने लिखा...
कमिश्नर ने पत्र में उल्लेख किया है कि विशिष्ट अतिथि सीएम शिवराज सिंह ने जिले के भ्रमण के दौरान विश्राम गृह में रात्रि विश्राम किया.उस दौरान पानी का टैंक लगातार ओवरफ्लो हो रहा था और कमरे में मच्छर होने की शिकायत मिली है. इससे स्पष्ट है कि कमरे का रखरखाव विशिष्ट अतिथि की गरिमा के अनुरूप नहीं था.कमिश्नर राजेश जैन की इस कार्रवाई के बाद से जिले में हड़कंप मचा हुआ है और अब अधिकारी अपने -अपने बचाव में लीपा पोती कर रहे हैं.
पहले ये अधिकारी सस्पेंड
बस हादसे के बाद सीएम शिवराज सीधी गए थे.वहां पीड़ितों से मिलने के बाद कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक ली थी.उन्होंने साफ कहा था कि भविष्य में इस तरीके की घटना दोबारा ना हो इसके लिए सभी जिम्मेदार अधिकारी गांठ बांध लें.बैठक के बाद मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPRDC) के डिविजनल मैनेजर, एजीएम, मैनेजर और सीधी आरटीओ (RTO) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया था.