मप्र भाजपा सत्ता संगठन में हो सकता है बडा बदलाव, शिवराज, वीडी शर्मा सहित मप्र के 15 बड़े नेता दिल्ली तलब

मप्र भाजपा सत्ता संगठन में हो सकता है बडा बदलाव, शिवराज, वीडी शर्मा सहित मप्र के 15 बड़े नेता दिल्ली तलब

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने का हो सकता है एलान

भोपाल। दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की हाई लेवल बैठक सोमवार और मंगलवार को होगी। चुनाव के मद्देनजर मप्र को लेकर अहम फैसले हो सकते हैं। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत प्रदेश के 15 बड़े नेता शामिल होंगे।  भाजपा सूत्रों का कहना है कि आगामी चुनाव के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की जिम्मेदारी बदली जा सकती है।  वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कद बढ़ सकता है। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने का एलान हो सकता है। 

आलाकमान मप्र में गुजरात फार्मूले पर चुनाव लडऩा चाहता है
भाजपा सूत्रों का कहना है कि आलाकमान मप्र में गुजरात फार्मूले पर चुनाव लडऩा चाहता है। वहीं मप्र में भाजपा और संघ के तीन सर्वे ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है। क्योंकि सर्वे रिपोट्र्स में भाजपा के आधे से अधिक विधायकों पर हार का खतरा मंडरा रहा है। साथ ही प्रदेश में भाजपा के खिलाफ जोरदार एंटी इनकम्बेंसी है। इससे निपटने के लिए सत्ता और संगठन का चेहरा बदलने की संभावना बढ़ कई है। बैठक में मप्र से सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद समेत 15 बड़े नेता भाग लेंगे। इनमें उमा भारती, नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, कैलाश विजयवर्गीय, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा आदि शामिल होंगे। 

लोकसभा चुनाव को लेकर भी भाजपा नेता मंथन करेंगे
पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है की अब तक की परफॉर्मेंस को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने का एलान हो सकता है। इसके अलावा संगठन आगामी राज्य विधानसभा चुनावों पर भी रणनीति तैयार करेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी भाजपा नेता मंथन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, भारत को मिली जी-20 की अध्यक्षता के मौके पर सरकार द्वारा आयोजित देशव्यापी कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श बैठक के मुख्य आकर्षण में से एक होने की संभावना है। हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन और केंद्र में भाजपा की सरकार के कामकाज पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है। बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर संगठनात्मक चुनावों को स्थगित करने पर भी चर्चा हो सकती है। 

3 कैबिनेट मंत्री सरकार से हटाकर संगठन में लाए जा सकते हैं
भाजपा सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को लेकर फैसला होना है। यदि उनके स्थान पर किसी और को ये जिम्मेदारी दी जाती है तो संगठन में भी बड़ा बदलाव संभव है। रिपोर्ट के अनुसार 3 कैबिनेट मंत्री सरकार से हटाकर संगठन में लाए जा सकते हैं। जिसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम की भी अटकलें है। उन्हें संगठन का लंबा अनुभव है। वह पहले मप्र में बतौर प्रदेश अध्यक्ष संगठन की कमान संभाल चुके है। तोमर कई राज्यों के चुनाव प्रभारी भी रह चुके हैं। पार्टी स्तर पर यह प्रयास किया जा रहा है, कि उन्हें मप्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर लाया जाए। वहीं मप्र में भी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय के नाम की चर्चा हो रही है।  खुद के प्रदेश अध्यक्ष बनने की सुगबुगाहट के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि सुगबुगाहट तो होनी चाहिए। सुगबुगाहट न हो तो राजनीति कैसी इसलिए सुगबुगाहट तो होती रहनी चाहिए। 

पीएम ने मांगा मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड
सूत्रों का कहना है कि यदि सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से चला तो जल्द ही शिवराज मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकते है। ये फेरबदल विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए होंगे। प्रधानमंत्री ने मप्र सरकार और संगठन से सभी मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मांगा है। फेरबदल और जिम्मेदारियों में बदलाव इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर किए जा सकते हैं। माना जा रहा है की जिन मंत्रियों का काम की रिपोर्ट खराब है, उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है या उनसे बड़े विभाग वापिस लिए जा सकते है। वहीं बेहतर रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। 

मप्र में भाजपा के खिलाफ जोरदार एंटी इनकम्बेंसी 
सर्वे रिपोट्र्स में साफ कहा गया है कि मप्र में भाजपा के खिलाफ जोरदार एंटी इनकम्बेंसी है। संघ का मानना है कि इसकी वजह साफ है कि 18 साल से एक ही पार्टी की सरकार और शिवराज सिंह चौहान 16 साल से मुख्यमंत्री हैं। पार्टी 2018 के चुनाव में एंटी इनकम्बेंसी को नहीं भांप पाई, इसलिए कठोर फैसले नहीं लिए गए। परिणाम ये हुआ कि उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा। वहीं इस बार मौजूदा 127 विधायकों में से करीब 70 की स्थिति खराब है। इसलिए संघ ने सुझाव दिया है कि गुजरात की तरह मप्र में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाए।

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