जौरा एसडीएम की बड़ी कार्यवाही, सरकारी से निजी की गई 1578 बीघा भूमि को फिर से किया शासकीय घोषित 

जौरा एसडीएम की बड़ी कार्यवाही, सरकारी से निजी की गई 1578 बीघा भूमि को फिर से किया शासकीय घोषित 

awdhesh dandotia
मुरैना/जौरा। भू-माफियाओं द्वारा कुछ पटवारियों से सांठगांठ कर करोड़ो रुपयों की शासकीय भूमि को बिना किसी आदेश बिना किसी बटॉकन के शासकीय भूमि को अपने निजी नाम दर्ज की गई 1578 बीघा भूमि को फिर से शासकीय घोषित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिससे भू-माफिया में हड़कंप मचा हुआ है वही हेरा फेरी में शामिल पटवारी एवं अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध जांच प्रारंभ कर दी है। अनुविभागीय अधिकारी प्रदीप सिंह सिंह तोमर से मिली जानकारी के अनुसार तहसील जौरा के ग्राम खरका की 785 बीघा भूमि, ग्राम नंदपुर की 315 बीघा भूमि एवं ग्राम खंडोली की 478 बीघा भूमि कुल रकवा 1578 बीघा जमीन को भूमाफियाओं ने पटवारी एवं अन्य लोगों से मिलकर सरकारी से निजी कर लिया था। हेरा फेरी का आलम यह है कि भू-माफिया द्वारा तीनों गांव में सरकारी भूमि का रकवा बढ़कर नए सर्वे नंबर बनवाकर बगैर किसी आदेश से बटांकन करके गुप्त रूप से शासकीय भूमि को निजी करते हुए अपने नाम दर्ज कर लिया था जिसकी पूर्व में शिकायत एसडीएम को प्राप्त हुई थी जिसपर से एसडीएम तोमर ने गोपनीय ढंग से जांच कराई गई तो जांच में यह स्पष्ट सामने आया कि भू माफियाओं ने करोड़ों की शासकीय भूमि को तत्कालीन समय में पदस्थ पटवारी से मिलकर शासकीय रिकॉर्ड में भी अपने नाम कर लिया है। किताब एवं खसरे में भी एंट्री अपने नाम की कर ली है। जांच उपरांत जब भू-माफियाओं की यह हेरा फेरी एसडीएम की पकड़ में आई तो अनुविभागीय अधिकारी प्रदीप सिंह तोमर ने 1578 बीघा शासकीय भूमि जो पूर्व में भी शासकीय थी उसको फिर से शासकीय घोषित करने के आदेश जारी किए हैं। विभागीय अधिकारी के इस आदेश से जहां भू माफियाओं में दहशत का माहौल है वहीं जिन पटवारी के कार्यकाल में यह खेल खेला गया है उनकी भी जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी लगभग 7 से 800 बीघा जमीन को पूर्व में भी एसडीएम प्रदीप सिंह तोमर शासकीय घोषित कर चुके हैं एवं 2000 से अधिक फर्जी राशन कार्डों को भी निरस्त करने की कार्यवाही कर चुके हैं। 

इनका कहना है 
प्रकरण में एसडीएम प्रदीप सिंह तोमर का कहना है कि तीनों गांव में भू-माफियाओं एवं कुछ पटवारी की मिली भगत से लगभग 1600 बीघा जमीन जो की शासकीय थी उसे निजी कर दिया था। जांच उपरांत द्वारा उसे फिर से शासकीय घोषित करने का आदेश मेरे द्वारा किए गए हैं। 

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