रेत माफिया द्वारा शिक्षक घनश्याम की हत्या किए जाने पर क्षत्रिय समाज ने किया प्रदर्शन 

रेत माफिया द्वारा शिक्षक घनश्याम की हत्या किए जाने पर क्षत्रिय समाज ने किया प्रदर्शन 

awdhesh dandotiya
मुरैना। रविवार की दोपहर रेत माफिया द्वारा बाइक सवार शिक्षक घनश्याम एवं उसके पिता रामजीलाल सिकरवार को कुचल दिया गया, जिसमें घनश्याम की मौत हो गई। उक्त घटना के आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही को लेकर क्षत्रिय महासभा ने मंगलवार की दोपहर रेस्ट हाउस से रैली निकालते हुए न्यू कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। क्षत्रिय महासभा ने समय सीमा में कार्रवाई की मांग की है। क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह सिकरवार ने सैकड़ो समाज के लोगों के साथ प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि चम्बल नदी जो श्योपुर से भिण्ड तक लगभग 350 किमी. चम्बल सम्भाग के किनारे बहती है, जो घडिय़ाल सेन्चुरी होने के कारण यहां पर सम्पूर्ण रूप से रेत का उत्खनन प्रतिबंधित है  एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा कई बार दिशा निर्देश जारी किये गये कि चम्बल से अवैध उत्खनन रेत बंद हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। कई वर्षो से यह धंधा राजनैतिक रसूखदार एवं उच्च पदों पर बैठे राजनैतिक लोगों के द्वारा संचालित कराया जाता है। इन माफियओं को प्रशासन का कोई भय नहीं है। पूर्व में भी एक नौजवान ट्रेनि आई.पी.एस. अफसर की मौत अवैध पत्थर खनन माफियों के द्वारा की गई, लेकिन शासन के द्वारा कोई उच्च कदम नहीं उठाये गये। 
19 मई को ग्राम पंचायत खाण्डौली कोक सिंह पुरा के घनश्याम सिंह सिकरवार शिक्षक अपने पिता को लेकर गांव से मुरैना आ रहे थे। सिकरौदा पुलिया नेशनल हाईवे पर खड़े थे, उसी समय अवैध रेत से भरे ट्रेक्टर को उनके ऊपर चड़ा दिया गया। मानवता उस समय शर्मसार हो गई कि अवैध रेत खनन में लिप्त लोगों द्वारा घनश्याम सिंह को दूसरा ट्रेक्टर जिसमें हाईड्रा लगा जो कि ट्रोली एवं ट्रेक्टर को ले जाने आया था, उसके द्वारा उनकी बॉडी को एक साईड में कर दिया गया, जबकि घनश्याम की उस समय सांसे चल रही थीं। हाईड्रा से ट्रेक्टर को भगा ले गये। क्षत्रिय महासभा ने आरोप लगाया कि मुरैना वन मंडल अधिकारी रेत माफियाओं द्वारा एक मुश्त मौटी रकम प्रतिमाह ली जाती है, क्योंकि अवैध रेत की मण्डी का कारोबार इनके बंगले एवं ऑफिस से 50-100 मीटर के दायरे में एवं शहर के अन्य भागों में मण्डी लगती है। आज तक मुरैना डीएफओ द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई एवं इसी तरह मुरैना खनिज अधिकारी प्रतिमाह मौटी रकम लेकर पत्थर एवं अवैध खनन के कारोबार में इनकी भूमिका अहम है। 

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